ऑप्शन ट्रेडिंग में सही एक्सपायरी कैसे चुनें?
सही एक्सपायरी (Expiry) का चुनाव ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता की एक महत्वपूर्ण कुंजी है। यह आपके ट्रेड के उद्देश्य, समय, जोखिम और संभावित लाभ पर आधारित होता है। आइए इसे आसान और प्रभावी तरीके से समझें।
1. अपने ट्रेड के प्रकार को समझें
शॉर्ट-टर्म ट्रेड (Day या Swing Trading)
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साप्ताहिक ऑप्शंस (Weekly Options)
अगर आप शॉर्ट-टर्म मूवमेंट पकड़ना चाहते हैं, तो Weekly Options बेहतर विकल्प हैं।- फायदा कम प्रीमियम, ज्यादा लीवरेज।
- नुकसान तेज़ टाइम डिके (Theta) और ज्यादा वोलैटिलिटी (Gamma)।
उदाहरण
मान लें, आप मानते हैं कि स्टॉक अगले 2-3 दिनों में तेज़ी से बढ़ेगा। इस स्थिति में Weekly Options सही विकल्प हैं।
लॉन्ग-टर्म ट्रेड (Positional Trading)
- मासिक और लॉन्ग-टर्म ऑप्शंस (LEAPS)
बड़े ट्रेंड्स और फंडामेंटल एनालिसिस पर आधारित ट्रेड के लिए मासिक या लॉन्ग-टर्म एक्सपायरी चुनें।- फायदा कम टाइम डिके, पर्याप्त समय।
- नुकसान उच्च प्रीमियम।
2. वोलैटिलिटी और टाइम डिके का विश्लेषण करें
- Theta Decay का प्रभाव
समय के साथ ऑप्शन की कीमत घटती है, खासकर एक्सपायरी के करीब।- High Volatility Trades शॉर्ट-टर्म एक्सपायरी चुनें।
- Low Volatility Trades लंबी एक्सपायरी लें ताकि आपके पास पर्याप्त समय हो।
3. अपनी रिस्क क्षमता के अनुसार एक्सपायरी चुनें
आक्रामक ट्रेडर्स (Aggressive Traders)
- शॉर्ट-टर्म ऑप्शंस सही हैं, जहां रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है।
- लेकिन समय की कमी के कारण रिस्क भी अधिक रहता है।
संवेदनशील ट्रेडर्स (Conservative Traders)
- लॉन्ग-टर्म ऑप्शंस चुनें, जिससे समय का दबाव कम हो।
- यह रणनीति स्थिर और संतुलित लाभ के लिए उपयुक्त है।
4. एक्सपायरी को स्ट्राइक प्राइस के साथ संरेखित करें
- In-The-Money (ITM) Options
अगर स्टॉक पहले से आपकी दिशा में मूव कर रहा है, तो शॉर्ट-टर्म एक्सपायरी चुनें। - Out-Of-The-Money (OTM) Options
अगर मूवमेंट अपेक्षित है, तो लंबी एक्सपायरी का चयन करें ताकि स्ट्राइक प्राइस तक पहुंचने का समय मिल सके।
5. इवेंट्स के आधार पर प्लान करें
- Upcoming Events
जैसे Earnings या Policy Announcements।- Post-Event Expiry चुनें इवेंट के बाद के मूव का फायदा उठाने के लिए।
- Pre-Event Expiry से बचें क्योंकि इवेंट से पहले समय और वोलैटिलिटी का नुकसान हो सकता है।
6. लिक्विडिटी और ओपन इंटरेस्ट पर ध्यान दें
- Short-Term Options
लिक्विडिटी ज्यादा और बिड-आस्क स्प्रेड कम होता है।- एंट्री और एग्जिट में आसानी होती है।
- Open Interest
सुनिश्चित करें कि ऑप्शन में पर्याप्त भागीदारी हो।
7. रणनीति को पेपर ट्रेडिंग में टेस्ट करें
अलग-अलग एक्सपायरी की रणनीतियों का पेपर ट्रेडिंग में परीक्षण करें।
इससे आप समझ पाएंगे कि वोलैटिलिटी और समय का ऑप्शन की कीमत पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण सही एक्सपायरी कैसे चुनें?
- परिदृश्य
मान लें, निफ्टी अगले 10 दिनों में आर्थिक डेटा के कारण तेज़ी दिखा सकता है। - सही एक्सपायरी
2 सप्ताह बाद की साप्ताहिक एक्सपायरी चुनें। - स्ट्राइक प्राइस
थोड़ा OTM ऑप्शन (लीवरेज के लिए) या ITM ऑप्शन (सफलता की अधिक संभावना के लिए)।
सही रणनीति और समझ के साथ ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पाना संभव है।