फेडरल रिजर्व की दर कटौती से ग्लोबल मार्केट में हाहाकार
गुरुवार को फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दर कटौती के बाद ग्लोबल मार्केट में भारी उथल-पुथल मच गई।
- अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।
- भारतीय रुपया कमजोर होकर ₹85 प्रति डॉलर से नीचे आ गया।
- भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट के साथ निवेशकों को ₹6 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा।
भारतीय शेयर बाजार पर प्रभाव
- सेंसेक्स
- 1000 अंकों की भारी गिरावट।
- निफ्टी
- 24000 के महत्वपूर्ण स्तर के नीचे ट्रेड कर रहा है।
- मार्केट कैप
- कुल 6 लाख करोड़ रुपये की गिरावट।
- रुपया
- डॉलर के मुकाबले ₹85 से भी नीचे, अब तक के न्यूनतम स्तर पर।
ग्लोबल मार्केट का हाल
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती का असर केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है।
- अमेरिकी डॉलर
- कटौती के बाद डॉलर मजबूत हुआ।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार
- अन्य देशों की मुद्राएं कमजोर हो रही हैं।
- कमोडिटी मार्केट
- सोने और कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता।
निवेशकों के लिए सलाह
इस स्थिति में निवेशकों को धैर्य बनाए रखने और बाजार में अधिक उथल-पुथल के बीच लंबी अवधि की रणनीति अपनाने की सलाह दी जाती है।
- क्या करें?
- गिरावट का फायदा उठाकर मजबूत कंपनियों के स्टॉक्स चुनें।
- बाजार की चाल पर नजर रखें और तुरंत निर्णय लेने से बचें।
- एक्सपर्ट की सलाह से ही नए निवेश करें।
निष्कर्ष
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती से वैश्विक और भारतीय बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के साथ भारतीय रुपया भी कमजोर हुआ है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और दीर्घकालिक रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
आपकी राय क्या है? क्या बाजार की इस गिरावट को निवेश का अवसर माना जा सकता है? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर बताएं।