अदाणी ग्रुप

 अदाणी ग्रुप की अमेरिकी लोन डील से हटने का ऐलान

 अदाणी ग्रुप की अमेरिकी लोन डील से हटने का ऐलान

गौतम अदाणी की कंपनी ने श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए US International Development Finance Corporation (DFC) के साथ की गई $553 मिलियन की लोन डील से बाहर निकलने का फैसला किया है। यह डील 2023 में हुई थी, लेकिन हालिया विवादों और घूसखोरी के आरोपों के बीच इसे खत्म कर दिया गया है।

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Adani Group अब कैसे करेगा फंडिंग?

Adani Ports and Special Economic Zone (SEZ) ने घोषणा की है कि कोलंबो प्रोजेक्ट की फंडिंग अब internal resources और capital management plans के जरिए की जाएगी।

  • श्रीलंका के पार्टनर्स की भागीदारी कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट का काम जारी है, और इसमें श्रीलंका के स्थानीय पार्टनर्स भी शामिल हैं।
  • इंटरनेशनल महत्व कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर के सबसे व्यस्त पोर्ट्स में से एक है और इंटरनेशनल शिपिंग रूट्स के करीब स्थित है।

DFC का एशिया में सबसे बड़ा इंफ्रा इन्वेस्टमेंट खत्म

  • DFC, जो अमेरिकी विकासशील देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करती है, ने इसे एशिया में अपने सबसे बड़े निवेशों में से एक माना था।
  • इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 2024 के अंत तक West Container Terminal को शुरू करना था।
  • इसे चीन के बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर निवेशों का जवाब भी माना गया था।

Indo-Pacific पर अमेरिकी एजेंसी का फोकस

 

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नवंबर 2023 में, DFC के CEO Scott Nathan ने कोलंबो में इस प्रोजेक्ट को Indo-Pacific में अमेरिकी प्राथमिकता बताया था।

  • अदाणी का इंटरनेशनल विज़न Adani Ports के CEO Karan Adani ने इस डील को कंपनी की क्षमता और गवर्नेंस पर एक इंटरनेशनल मान्यता बताया था।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट और घूसखोरी के आरोप

  • घूसखोरी का विवाद अदाणी ग्रुप पर आरोप लगे कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों को $25 मिलियन से ज्यादा की रिश्वत दी।
  • हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg Research की रिपोर्ट के बाद ग्रुप को इंटरनेशनल स्तर पर कानूनी और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
  • अदाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया।

निष्कर्ष

अमेरिकी लोन डील से बाहर निकलने का अदाणी ग्रुप का निर्णय एक बड़ा बदलाव है। घूसखोरी के आरोपों और कानूनी चुनौतियों के बावजूद, कंपनी ने कोलंबो प्रोजेक्ट के लिए internal resources पर भरोसा जताया है। यह कदम कंपनी के भविष्य की रणनीति और गवर्नेंस के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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