विदेशी निवेशकों की अदानी स्टॉक्स में बिकवाली
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली, लेकिन इसी के साथ एक दिलचस्प ट्रेंड सामने आया है —
विदेशी निवेशक (FII) जहां एक ओर बाजार में भारी खरीदारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अदानी ग्रुप के शेयरों में हिस्सेदारी घटाई है।
FII ने घटाई अदानी ग्रुप में हिस्सेदारी
मार्च 2025 की तिमाही में
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FII ने कुल ₹3600 करोड़ की हिस्सेदारी घटाई अदानी ग्रुप की कंपनियों से।
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अदानी पोर्ट्स में हिस्सेदारी 13.93% से घटकर 13.42% हो गई — यानी करीब ₹1310 करोड़ की बिकवाली।
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अंबुजा सीमेंट में FII हिस्सेदारी 0.5% घटी।
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एसीसी लिमिटेड में हिस्सेदारी 0.31% घटकर 4.83% पर आ गई।
DII की जबरदस्त खरीदारी
जहां एक ओर FII ने अदानी ग्रुप से हाथ खींचा, वहीं दूसरी तरफ घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने जमकर निवेश किया।
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DII ने कुल मिलाकर ₹2050 करोड़ का निवेश अदानी समूह में किया।
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इसके बाद बीमा कंपनियां, पेंशन फंड और म्युचुअल फंड निवेश में सक्रिय दिखे।
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LIC ने प्रमुख रूप से FII की बिकवाली को कवर किया।
क्यों बिकवाली और खरीदारी साथ-साथ?
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FII शायद अदानी ग्रुप के आसपास की वैश्विक रिपोर्ट्स और जोखिम मैनेजमेंट के तहत पोर्टफोलियो रिबैलेंसिंग कर रहे हैं।
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वहीं, DII को इसमें दीर्घकालिक अवसर नजर आ रहा है, खासतौर पर अदानी पोर्ट और सीमेंट सेक्टर की ग्रोथ को लेकर।
निष्कर्ष
जहां एक तरफ विदेशी निवेशक अदानी ग्रुप से दूरी बना रहे हैं, वहीं घरेलू निवेशक इसे मुनाफे का मौका मानकर खरीदारी कर रहे हैं।
यह ट्रेंड दिखाता है कि अब भारतीय निवेशक बड़े फैसले लेने में पीछे नहीं हैं और वे लंबी अवधि के अवसरों को पहचान रहे हैं।