अडानी समूह का केन्या में प्रस्तावित हवाई अड्डा सौदा और विवाद जानें विस्तार से
गौतम अडानी के नेतृत्व वाले Adani Group द्वारा केन्या के प्रमुख हवाई अड्डे Jomo Kenyatta International Airport (JKIA) को चलाने का प्रस्ताव हाल ही में सुर्खियों में है। इस प्रस्ताव ने केन्या में बड़े स्तर पर विरोध, Senate Hearing, और Lawsuits को जन्म दिया है। वहीं, इसी बीच अडानी समूह ने पूर्वी अफ्रीका में High-Voltage Power Transmission लाइनों के निर्माण का एक और महत्वपूर्ण सौदा भी हासिल किया है।
अदालत का हस्तक्षेप और विरोध
केन्या की एक अदालत ने पहले ही अडानी समूह के Unsolicited Bid पर रोक लगा दी है। इस सौदे पर पारदर्शिता की कमी और संदिग्ध परिस्थितियों में प्रस्तावित होने के कारण जनता और विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध किया है। Orange Democratic Movement के नेता ने इसे “घोटालों” से जोड़ते हुए सरकार पर जनता से जानकारी छिपाने का आरोप लगाया है। विरोधियों का कहना है कि इस सौदे में पारदर्शिता का अभाव है और सरकार ने अडानी के प्रस्ताव को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं किया।
Switzerland में Money Laundering की जांच
इस विवाद के बीच, अडानी समूह पर Switzerland में Money Laundering के आरोपों की भी जांच की खबरें सामने आईं। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।
JKIA सौदा और विवाद के प्रमुख बिंदु
-
प्रस्ताव की शर्तें: अडानी समूह के प्रस्ताव के अनुसार, वह JKIA को 30 साल तक संचालन करेगा, जिसमें उसे 18% Equity Stake और Tax Concessions मिलेंगे। इसके साथ ही, अडानी को हवाई अड्डे के पास होटल और अन्य व्यवसायों के लिए जमीन आवंटित की जानी थी।
-
विरोध का कारण: हवाई अड्डे के कर्मचारियों और Kenya Human Rights Commission ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। उनका मानना है कि केन्या अपनी आवश्यक $1.85 बिलियन की राशि खुद जुटा सकता है और उसे अडानी समूह की शर्तों के आगे झुकने की आवश्यकता नहीं है।
-
पारदर्शिता की कमी: इस सौदे की पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए हैं। Senate की सुनवाई में सरकार पर आरोप लगाया गया कि उसने इस प्रस्ताव का कोई विवरण सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत नहीं किया। जबकि कई अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी हवाई अड्डे के संचालन में रुचि दिखाई थी, उन्हें इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया।
-
Kenya की Sovereignty पर सवाल: आलोचकों का मानना है कि यह सौदा केन्या की Sovereignty के साथ समझौता करता है और यह देश के हितों के विपरीत है।
हाई-वोल्टेज बिजली परियोजना
हालांकि, हवाई अड्डे के सौदे पर विवाद जारी है, इसके बावजूद केन्या सरकार ने अडानी समूह को $1.3 Billion की Public-Private Partnership (PPP) के तहत हाई-वोल्टेज बिजली लाइनों के निर्माण के लिए एक अनुबंध प्रदान किया है। इस परियोजना के जरिए अडानी समूह पूर्वी अफ्रीका में अपनी स्थिति को मजबूत करने की योजना बना रहा है।
निष्कर्ष
अडानी समूह के प्रस्तावों ने केन्या में व्यापक चर्चा और विवाद को जन्म दिया है। एक ओर जहां अडानी समूह कानूनी और पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष और जनता इस सौदे की शर्तों और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
केन्या के Jomo Kenyatta International Airport का प्रस्तावित सौदा अभी भी अदालत और जनता की नजरों में है, और यह देखना बाकी है कि इस पर अंतिम निर्णय क्या आता है। हालांकि, अडानी समूह की बिजली परियोजना को मिले अनुबंध से यह स्पष्ट है कि अडानी पूर्वी अफ्रीका में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।