अदाणी समूह पर अमेरिकी जांच और आरोप क्या है पूरा मामला?
अदाणी समूह, जो भारत की सबसे बड़ी बिजनेस एम्पायर्स में से एक है, अब अंतरराष्ट्रीय विवादों में फंसता नजर आ रहा है। अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने समूह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें रिश्वतखोरी, झूठे दावे और अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन शामिल है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर यह आरोप है कि उन्होंने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को $250 मिलियन (₹25 करोड़ डॉलर) की रिश्वत देने की योजना बनाई।
मुख्य आरोप और घटनाक्रम
1. रिश्वतखोरी का आरोप
न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन स्थित प्रॉसीक्यूटर्स का दावा है कि अदाणी समूह ने अमेरिकी निवेशकों से पैसे जुटाने की प्रक्रिया के दौरान झूठे दावे किए।
- एक संगठित योजना के तहत भारतीय सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया।
2. संबंधित अधिकारियों पर आरोप
अदाणी समूह से जुड़े शीर्ष अधिकारियों पर भी आरोप लगे हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सागर आर. अदाणी अदाणी ग्रीन एनर्जी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर।
- विनीत एस. जैन अदाणी ग्रीन एनर्जी के प्रबंध निदेशक और सीईओ।
इन दोनों पर अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप हैं।
3. जांच और न्याय में बाधा
चार अन्य डिफेंडेंट्स पर यह आरोप है कि उन्होंने
- इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाए।
- अमेरिकी एजेंसियों, जैसे DOJ (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस), SEC (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन), और FBI से झूठ बोला।
SEC ने इस मामले में एक अलग दीवानी मुकदमा भी दर्ज किया है।
4. अदाणी बॉन्ड्स पर प्रभाव
इस विवाद का सीधा असर अदाणी समूह के फाइनेंशियल मार्केट्स पर पड़ा।
- अदाणी समूह से जुड़े बॉन्ड्स की कीमत में गुरुवार को डॉलर के मुकाबले 10 सेंट की गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिकी अटॉर्नी का बयान
न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने अपने बयान में कहा
“डिफेंडेंट्स ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की विस्तृत योजना बनाई।”
यह बयान अदाणी समूह के लिए गंभीर चिंताओं का कारण बन सकता है।
जांच का फोकस
अमेरिकी अधिकारी अब इस बात की गहराई से जांच कर रहे हैं कि
- अदाणी समूह ने भारत में ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए अनुचित तरीके से सरकारी अधिकारियों से फेवर तो नहीं लिए।
- अमेरिकी निवेशकों को इस प्रक्रिया में गुमराह किया गया या नहीं।
निष्कर्ष
अदाणी समूह पर लगे ये आरोप न केवल उनकी अंतरराष्ट्रीय साख पर असर डाल सकते हैं, बल्कि उनके फाइनेंशियल और बिजनेस ऑपरेशंस पर भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
- छवि यह विवाद अदाणी समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है।
- वित्तीय स्थिरता बॉन्ड्स और शेयर की कीमतों में गिरावट से समूह की फाइनेंशियल स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
अदाणी समूह की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। आने वाले दिनों में इस जांच के परिणाम कंपनी के भविष्य को तय कर सकते हैं।