Aditya Birla कैपिटल और Aditya Birla फाइनेंस का विलय: एकीकृत वित्तीय सेवाओं की दिशा में बड़ा कदम
Aditya Birla कैपिटल लिमिटेड (ABCL) ने 18 सितंबर 2024 को घोषणा की कि उसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपनी सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला फाइनेंस के साथ विलय के लिए ‘No Objection’ प्राप्त हो गई है। यह मंजूरी इस विलय को तेजी से आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है और कंपनी के लिए एकीकृत वित्तीय सेवाओं को और सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करती है।
आवश्यक नियामक अनुमोदन
हालांकि RBI से मंजूरी एक बड़ा कदम है, यह विलय प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी भी अन्य नियामक अनुमोदनों की आवश्यकता है। इसके लिए National Company Law Tribunal (NCLT), वैधानिक प्राधिकरणों, और दोनों कंपनियों के शेयरधारकों और कर्जदाताओं की भी स्वीकृति आवश्यक होगी। इन सभी अनुमोदनों के बाद ही यह विलय पूर्ण रूप से लागू हो पाएगा और कंपनियों का एकीकरण संभव हो सकेगा।
बोर्ड की स्वीकृति
इस विलय के प्रस्ताव को मार्च 2024 में आदित्य बिड़ला कैपिटल के बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी थी। इस विलय का मुख्य उद्देश्य एक बड़ी और मजबूत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) का निर्माण करना है। यह कंपनी की वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में स्थिति को और मजबूत बनाएगा और संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद करेगा। इससे कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी, जो इसे एक व्यापक बाजार में प्रभावी बनाएगा।
नेतृत्व में बदलाव
विलय के बाद, Visakha Mulye नई एकीकृत कंपनी की Managing Director (MD) और Chief Executive Officer (CEO) बनेंगी। इसके साथ ही, Rakesh Singh को Executive Director और CEO (NBFC) की भूमिका में नियुक्त किया जाएगा। यह नेतृत्व परिवर्तन कंपनी को नए दृष्टिकोण और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ने का मौका देगा, जिससे कंपनी का भविष्य और सशक्त हो सकेगा।
विलय का उद्देश्य
इस विलय का प्रमुख उद्देश्य कंपनी के संचालन को और मजबूत करना है। इससे संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा और Aditya Birla Capital की वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में स्थिति और अधिक सशक्त हो जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और कंपनी की बाजार प्रतिस्पर्धात्मकता में भी वृद्धि होगी।