अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया 2025 क्या ₹1 लाख के पार Gold अब भी Smart Investment है?

अक्षय तृतीया 2025 क्या ₹1 लाख के पार Gold 

अक्षय तृतीया भारतीय परंपरा में सोने की खरीदारी का एक बेहद शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन लोग विशेष रूप से ज्वेलरी, सिक्के और अब डिजिटल गोल्ड में भी निवेश करते हैं। लेकिन इस बार सवाल ये है—क्या Gold अब भी एक स्मार्ट निवेश विकल्प बना हुआ है, जब इसकी कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार जा चुकी है?

अक्षय तृतीया

1. गोल्ड ने ₹1 लाख का मनोवैज्ञानिक स्तर पार किया

22 अप्रैल 2025 को सोने की कीमत ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई। पिछले साल अक्षय तृतीया पर यही कीमत ₹72,000 थी। यानी, एक साल में लगभग 30% का रिटर्न, जो कि Nifty TRI के सिर्फ 10% रिटर्न के मुकाबले काफी बेहतर है।

2. वैश्विक अनिश्चितता में गोल्ड एक सुरक्षित विकल्प

दुनिया भर में जारी आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितता ने गोल्ड को एक भरोसेमंद निवेश विकल्प बना दिया है।
World Gold Council के अनुसार लोग अब पारंपरिक ज्वेलरी के साथ-साथ Gold ETFs, Digital Gold और High Carat Coins में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

3. बढ़ती कीमतें और डिमांड पर प्रभाव

हालांकि कीमतों में तेज़ उछाल से मांग पर असर पड़ सकता है।
Tradejini के COO त्रिवेश डी का मानना है कि अगर कीमत ₹1 लाख के करीब रहती है, तो इस अक्षय तृतीया पर गोल्ड की डिमांड 40-45% तक गिर सकती है

4. गोल्ड की कीमत को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

  • Dollar Index में गिरावट से निवेशक अब US Markets छोड़कर गोल्ड की ओर रुख कर रहे हैं।

  • अमेरिका में ट्रंप की वापसी से Trade War की आशंका बढ़ी है, जिससे Gold को Safe Haven माना जा रहा है।

  • भारत और चीन में ज्वेलरी डिमांड घटने की संभावना है, लेकिन Central Banks की ओर से भारी गोल्ड खरीद जारी है।

5. डिमांड में और तेजी की संभावना

अक्षय तृतीया

  • COVID के पीक के मुकाबले अभी भी ETF Holdings काफी नीचे हैं।

  • यदि Gold ETFs और Physical Jewellery दोनों की मांग बढ़ती है, तो गोल्ड नई ऊंचाइयों पर जा सकता है।

6. De-Dollarisation और Global Debt ने बढ़ाया गोल्ड पर भरोसा

  • De-dollarisation की वजह से कई देश अब अमेरिकी डॉलर से दूरी बना रहे हैं और गोल्ड जैसे Safe Assets को चुन रहे हैं।

  • वैश्विक कर्ज संकट भी निवेशकों को सोने की ओर धकेल रहा है, क्योंकि यह कठिन समय में सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखा जाता है।

7. टेक्निकल और फंडामेंटल विश्लेषण क्या कहता है?

SAMCO Securities के रिसर्च हेड अपूर्व सेठ के अनुसार, S&P 500 to Gold Ratio ऐतिहासिक औसत से नीचे है, जो गोल्ड में लंबी अवधि के बुल रन का संकेत देता है।

IBJA की वाइस प्रेसिडेंट अक्ष कंबोज का मानना है कि निकट भविष्य में कुछ करेक्शन संभव हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में गोल्ड एक बेहतरीन पोर्टफोलियो स्टेबलाइज़र बना रहेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

अक्षय तृतीया 2025 पर गोल्ड निवेशक के लिए एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता, डॉलर में कमजोरी, और भारत में मजबूत निवेश भावना को देखते हुए, गोल्ड अब भी एक सुरक्षित, स्थिर और दीर्घकालिक निवेश विकल्प माना जा सकता है।

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