AMFI के अनुसार इक्विटी फंड का प्रवाह 9% कम होगया

AMFI के अनुसार इक्विटी फंड का प्रवाह 9% कम होगया जानिए इसके पीछे का कारण

AMFI डेटा के मुताबिक जुलाई में इक्विटी फंड का प्रवाह 9% गिरकर 37,113 करोड़ रुपये हो गया, ऐसा क्यों?

 

AMFI के अनुसार इक्विटी फंड का प्रवाह 9% कम होगया

 

AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) के डेटा के अनुसार, जुलाई 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश का प्रवाह 9% घटकर 37,113 करोड़ रुपये हो गया। इस गिरावट के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनकी चर्चा हम विस्तार से करेंगे:

1. बाजार में उतार-चढ़ाव:

जुलाई के महीने में बाजार में अस्थिरता रही हो सकती है, जो निवेशकों के मन में चिंता का कारण बनी। जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो निवेशकों का विश्वास कमजोर पड़ता है और वे अपने निवेश को रोकने या निकालने की सोचते हैं। शेयर बाजार की इस अस्थिरता ने निवेशकों में अनिश्चितता को बढ़ा दिया, जिससे उन्होंने इक्विटी फंड्स में निवेश करने से परहेज किया।

2. मुनाफा बुकिंग:

बाजार जब ऊंचाई पर होता है, तो कई निवेशक अपने निवेश पर मुनाफा बुक करने के लिए इक्विटी फंड्स से पैसे निकाल लेते हैं। यह एक सामान्य प्रवृत्ति है कि जब निवेशकों को लगता है कि उन्होंने पर्याप्त लाभ कमा लिया है, तो वे अपने निवेश को भुनाने की कोशिश करते हैं। इस कारण से भी निवेश प्रवाह में कमी देखी जा सकती है।

3. उच्च वैल्यूएशन:

बाजार के उच्च वैल्यूएशन ने नए निवेशकों को निवेश करने से रोकने में भूमिका निभाई हो सकती है। जब बाजार पहले से ही ऊंचाई पर होता है, तो नए निवेशक सोचते हैं कि यह निवेश करने का सही समय नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता है कि संभावित लाभ की गुंजाइश कम हो गई है। इस वजह से नए निवेशों में कमी आ सकती है, जिससे इक्विटी फंड्स में प्रवाह कम हो जाता है।

4. नए निवेशकों की कमी:

यदि नए निवेशकों की संख्या में कमी आई है या वे निवेश करने में देरी कर रहे हैं, तो इसका सीधा असर इक्विटी फंड्स के प्रवाह पर पड़ता है। नए निवेशकों की कमी के चलते कुल निवेश प्रवाह में गिरावट आ सकती है, जिससे इक्विटी फंड्स की ग्रोथ पर भी प्रभाव पड़ता है।

5. ध्यान रखने योग्य बातें:

यह महत्वपूर्ण है कि म्यूचुअल फंड्स में निवेश को एक लंबी अवधि की रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए। छोटी अवधि की गिरावट को सामान्य माना जा सकता है और इसके कारण घबराने की आवश्यकता नहीं है। निवेशकों को अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए संयम बनाए रखना चाहिए और बाजार की अल्पकालिक अस्थिरता से प्रभावित हुए बिना सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।

 

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