Aurobindo Pharma ने GLS Pharma में खरीदी 49% हिस्सेदारी: जानिए इसके पीछे का कारण और संभावनाएं
भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी Aurobindo Pharma Ltd ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए GLS Pharma Ltd में 49% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण की कुल कीमत 22.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस अधिग्रहण के जरिए Aurobindo Pharma ने ऑन्कोलॉजी (कैंसर) प्रोडक्ट्स के क्षेत्र में अपनी पकड़ को और मजबूत किया है।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में इस हिस्सेदारी के अधिग्रहण की जानकारी दी। इस डील में 5,90,361 इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण शामिल है, जिन्हें 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा गया। यह कदम Aurobindo Pharma की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कंपनी स्वास्थ्य देखभाल के महत्वपूर्ण और बढ़ते क्षेत्रों में अपना विस्तार कर रही है।
Aurobindo Pharma के शेयर का प्रदर्शन
Aurobindo Pharma का शेयर बुधवार को लगभग 1% गिरावट के साथ ₹1,539 के लेवल पर बंद हुआ। हालांकि, लंबे समय में कंपनी का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है .
- 6 महीनों में: 53% रिटर्न
- 1 साल में: 71% रिटर्न
- 2 साल में: 188% रिटर्न
- 5 साल में: 149% रिटर्न
- 10 साल में: 254% रिटर्न
यह प्रदर्शन दिखाता है कि Aurobindo Pharma अपने निवेशकों के लिए लगातार लाभदायक साबित हुई है। कंपनी के शेयरों में दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रही है, और इस नई डील के बाद कंपनी के विस्तार की संभावनाएं और भी बढ़ गई हैं।
GLS Pharma का परिचय
GLS Pharma Ltd ऑन्कोलॉजी (कैंसर) प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग में विशेषज्ञता रखती है। कंपनी खासतौर पर ठोस गंभीर बीमारियों के लिए कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाले ओरल और इंजेक्शन आधारित प्रोडक्ट्स का निर्माण करती है। इसके अलावा, हेमटोलॉजिकल घातक बीमारियों के लिए कीमोथेरेपी और कीमो-सहायक उत्पाद भी कंपनी की रेंज में शामिल हैं। GLS Pharma की यह विशेषज्ञता Aurobindo Pharma के लिए एक मूल्यवान संपत्ति साबित हो सकती है, क्योंकि कैंसर के इलाज के लिए फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है।
इस अधिग्रहण के फायदे
इस हिस्सेदारी के अधिग्रहण के पीछे Aurobindo Pharma की रणनीति कई स्तरों पर काम करती है:
- ऑन्कोलॉजी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग: कैंसर के इलाज के लिए दवाओं और चिकित्सा उत्पादों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। GLS Pharma के साथ यह साझेदारी Aurobindo को इस महत्वपूर्ण बाजार में विस्तार करने का अवसर प्रदान करती है।
- मेक इन इंडिया: GLS Pharma के साथ यह डील भारत की “मेक इन इंडिया” पहल के तहत स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देगी। इसके तहत घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में Aurobindo Pharma की पकड़ और मजबूत होगी।
- वैश्विक विस्तार: GLS Pharma के ऑन्कोलॉजी प्रोडक्ट्स की अंतर्राष्ट्रीय मांग भी लगातार बढ़ रही है। Aurobindo Pharma इस साझेदारी के जरिए वैश्विक बाजारों में अपनी हिस्सेदारी को और बढ़ा सकती है।
निवेशकों के लिए सुझाव
Aurobindo Pharma का यह कदम दीर्घकालिक रूप से निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। कंपनी के शेयर का दीर्घकालिक प्रदर्शन और ऑन्कोलॉजी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग इसे एक मजबूत निवेश विकल्प बनाती है। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें, क्योंकि बाजार में हमेशा उतार-चढ़ाव की संभावना रहती है।
निष्कर्ष
Aurobindo Pharma द्वारा GLS Pharma में 49% हिस्सेदारी खरीदना कंपनी के दीर्घकालिक विस्तार और ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में मजबूती के लिए एक बड़ा कदम है। यह अधिग्रहण Aurobindo Pharma के व्यवसाय को और अधिक व्यापक बनाएगा, जिससे कंपनी का बाजार में दबदबा और मजबूत होगा ।