इंश्योरेंस कंपनी अवीवा इंडिया पर लगा 65 करोड़ का जुर्माना
ब्रिटिश बीमा कंपनी अवीवा की भारतीय इकाई अवीवा इंडिया पर भारतीय टैक्स अधिकारियों ने 65.3 करोड़ रुपये (75 लाख डॉलर) का जुर्माना और पिछला टैक्स भरने का आदेश दिया है।
यह कार्रवाई नकली चालान बनाने, अवैध कमीशन के भुगतान, और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे के कारण की गई। जांच में पाया गया कि अवीवा इंडिया ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया।
2017 से 2023 तक चला फर्जीवाड़ा
भारतीय टैक्स विभाग ने अगस्त 2024 में जारी नोटिस में आरोप लगाया कि 2017 से 2023 तक, अवीवा इंडिया ने लगभग 2.6 करोड़ डॉलर (215 करोड़ रुपये) ऐसे वेंडर्स को भुगतान किया, जो कथित तौर पर मार्केटिंग सेवाएं देते थे।
जांच में सामने आया कि ये वेंडर्स केवल नाम मात्र के थे, असल में इनका उपयोग अवीवा के एजेंटों को अतिरिक्त कमीशन देने के लिए किया गया था।
भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा तय की गई कमीशन सीमा से अधिक भुगतान किया गया था।
कंपनी ने इन नकली वेंडर्स के जरिए फर्जी चालान तैयार किए और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हुए लगभग 52 लाख डॉलर (32.6 करोड़ रुपये) का टैक्स बचाया।
अवैध प्रणाली और नकली चालान का खेल
भारतीय टैक्स अधिकारियों ने पाया कि अवीवा इंडिया ने नकली चालान और कैश पेमेंट के जरिए एक गुप्त और अवैध सिस्टम तैयार किया।
इसका मकसद टैक्स अधिकारियों को धोखे में रखना था ताकि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का अनुचित लाभ उठाया जा सके।
5 फरवरी 2025 को टैक्स अधिकारियों ने अपने आदेश में कहा कि वेंडर्स केवल कठपुतलियां थे, जिन्हें गलत टैक्स क्रेडिट के लिए इस्तेमाल किया गया।
जुर्माना और टैक्स भुगतान का आदेश
जांच और सुनवाई के बाद, जॉइंट टैक्स कमिश्नर आदित्य सिंह यादव ने आदेश दिया कि कंपनी को 100% जुर्माने के साथ टैक्स चुकाना होगा।
इस तरह, कुल 65.3 करोड़ रुपये (75 लाख डॉलर) का भुगतान कंपनी को करना होगा।
अवीवा का रुख अपील करने की तैयारी
अवीवा इंडिया ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वेंडर्स नकली नहीं हैं और उन्होंने कंपनी को वास्तविक सेवाएं प्रदान की हैं।
कंपनी ने इस आदेश के खिलाफ अपील करने की योजना बनाई है।
अवीवा का दावा है कि इस आदेश का उसके वर्तमान संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारतीय बीमा बाजार में चुनौतियां
अवीवा इंडिया, डाबर इनवेस्ट कॉर्प के साथ जॉइंट वेंचर के रूप में भारत में काम कर रही है।
2022 में, अवीवा ने अपनी हिस्सेदारी 49% से बढ़ाकर 74% कर ली, ताकि भारतीय बीमा बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
लेकिन इसे अभी भी भारतीय बीमा सेक्टर में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि अपील के बाद यह मामला किस दिशा में जाता है।
यदि टैक्स अधिकारियों का फैसला बरकरार रहता है, तो यह अवीवा इंडिया के लिए वित्तीय दबाव और कानूनी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
साथ ही, यह मामला भारतीय बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और नियामक सख्ती को भी उजागर करता है।