भारत में अनलिस्टेड शेयर कैसे खरीदें
भारत में अनलिस्टेड शेयर खरीदना एक विशेष प्रक्रिया है, क्योंकि ये शेयर सीधे स्टॉक एक्सचेंज जैसे NSE या BSE पर उपलब्ध नहीं होते। इन शेयरों को खरीदने के लिए आपको कुछ खास विकल्पों का सहारा लेना होता है, जिनका विवरण नीचे दिया गया है:
1. ब्रोकर या डीलर के माध्यम से
आप किसी प्रमाणित ब्रोकर या डीलर से संपर्क कर सकते हैं जो अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री में विशेषज्ञ होते हैं। ब्रोकर आपको विभिन्न कंपनियों के शेयर और उनकी वैल्यूएशन के बारे में जानकारी देंगे और आपसी सहमति से सौदा तय कर सकते हैं।
2. कर्मचारियों से सीधे शेयर खरीदें (ESOPs)
कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दिए गए Employee Stock Options (ESOPs) के तहत आप उनसे सीधे शेयर खरीद सकते हैं। इस प्रक्रिया में आप कर्मचारी से कीमत पर सहमति बनाते हैं और कानूनी दस्तावेज तैयार कर शेयर ट्रांसफर करते हैं।
3. ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए निवेश
आज के समय में कई ऑनलाइन प्लेटफार्म मौजूद हैं जो अनलिस्टेड शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा प्रदान करते हैं। UnlistedZone, Planify, Tradersadda, और Analah Capital जैसे प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करके आप विभिन्न कंपनियों के अनलिस्टेड शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
4. प्री-IPO निवेश
जब कोई कंपनी पब्लिक में IPO लाने की तैयारी कर रही होती है, तो प्री-IPO चरण में निजी निवेशकों को शेयर ऑफर किए जाते हैं। आप इन कंपनियों या ब्रोकरों से संपर्क करके प्री-IPO शेयर खरीद सकते हैं।
5. अन्य निवेशकों से निजी सौदा
यदि कोई अन्य निवेशक पहले से अनलिस्टेड शेयर होल्ड कर रहा है, तो आप उससे निजी सौदे के जरिए शेयर खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको शेयर ट्रांसफर फॉर्म (SH-4) भरना होता है और स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है।
6. कंपनी से सीधे संपर्क
कुछ कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए सीधे निजी निवेशकों को अनलिस्टेड शेयर बेचती हैं। इसके लिए आपको कंपनी से सीधे संपर्क करके शर्तों पर सहमति बनानी होती है।
अनलिस्टेड शेयर खरीदने की प्रक्रिया
- सहमति खरीदार और विक्रेता के बीच कीमत और शर्तों पर सहमति।
- शेयर ट्रांसफर फॉर्म (SH-4) दोनों पक्षों को फॉर्म भरना और स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान करना होता है।
- डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं।
सावधानियां और जोखिम
- लिक्विडिटी की कमी अनलिस्टेड शेयरों की लिक्विडिटी कम होती है, इन्हें तुरंत बेचना मुश्किल हो सकता है।
- सटीक वैल्यूएशन नहीं अनलिस्टेड शेयरों की वैल्यूएशन स्पष्ट नहीं होती, जिससे सही जानकारी प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
- वित्तीय स्थिति निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन जरूर करें।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, निवेश करने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना जरूरी है।