भारत-पाक युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को हो सकता
भारत और पाकिस्तान के बीच यदि युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो इसका सबसे गहरा असर पाकिस्तान की पहले से ही जर्जर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। आर्थिक आंकड़े, विदेशी मुद्रा भंडार, कर्ज, और व्यापार से जुड़े तथ्यों से साफ है कि पाकिस्तान के लिए यह स्थिति भारी पड़ सकती है।
1. पाकिस्तान की कमजोर आर्थिक स्थिति
पाकिस्तान की GDP ग्रोथ दर 2023-24 में वर्ल्ड बैंक के अनुसार मात्र 2.5% रही है। IMF के मुताबिक 2024-25 में यह भी मामूली बढ़त के साथ 2.6% तक ही पहुंचेगी।
हालांकि महंगाई दर 2023 के 38% से घटकर 6% पर आ गई है, लेकिन आम जनता अब भी कीमतों के दबाव में जी रही है।
2. विदेशी मुद्रा भंडार का संकट
अप्रैल 2025 तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 15.8 अरब डॉलर रह गया है, जो कि सिर्फ दो महीने के आयात के लिए ही पर्याप्त है। IMF के मापदंड के अनुसार किसी भी देश को कम से कम तीन महीने का आयात सुरक्षित रखने लायक रिजर्व चाहिए।
3. विदेशी कर्ज का बोझ
पाकिस्तान पर इस समय कुल 131 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। सिर्फ 2024-25 के वित्त वर्ष में उसे 22 अरब डॉलर का भुगतान करना है। यह भारी आर्थिक दबाव का संकेत है।
4. IMF और विदेशी सहायता पर निर्भरता
Moody’s की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से IMF और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद पर निर्भर है।
2024 में पाकिस्तान को IMF से 7 अरब डॉलर की सहायता मिली है, और 1.3 अरब डॉलर के जलवायु ऋण पर बातचीत जारी है।
5. भारत-पाक व्यापार में गिरावट
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार घटकर केवल 1.2 अरब डॉलर रह गया है, जो भारत के कुल निर्यात का 0.5% से भी कम है।
भारत से दवाइयों का निर्यात बंद होने के कारण पाकिस्तान में दवा संकट गहराया है, क्योंकि वह अपनी 20% दवाइयों की ज़रूरत भारत से पूरी करता था।
6. सिंधु जल संधि पर संकट
यदि भारत सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को रद्द करता है, तो पाकिस्तान की 90% कृषि भूमि पानी की भारी कमी से जूझ सकती है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की GDP में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 22.7% है।
7. युद्ध से जुड़े आर्थिक इतिहास
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1999 कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को लगभग 1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, जो उस समय की GDP का 1.5% था।
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2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का टूरिज्म सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ, और उसे लगभग 10 करोड़ डॉलर का घाटा झेलना पड़ा।
8. स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट
8 मई 2025 को “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा।
KSE-30 इंडेक्स में 7.2% तक की गिरावट देखी गई, जो निवेशकों के भरोसे पर बड़ा झटका था।
9. हवाई मार्ग बंद होने का अंतरराष्ट्रीय असर
पाकिस्तान द्वारा अपना हवाई क्षेत्र बंद करने से Air France, Lufthansa जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों की लागत बढ़ गई है, जिससे वैश्विक स्तर पर भी असर महसूस किया गया।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच यदि युद्ध जैसी कोई स्थिति बनती है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उसे संभालने में अक्षम साबित हो सकती है। भारी कर्ज, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी, आयात पर निर्भरता और बाहरी मदद की जरूरत इसे एक गंभीर आर्थिक संकट की ओर धकेल सकती है।