भारतीय एयरटेल के शेयर में 1.7% गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में आज उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन कुछ स्टॉक्स में स्टॉक-स्पेसिफिक मूवमेंट देखने को मिला है।
इन्हीं में से एक है भारती एयरटेल, जिसका शेयर 1.7% गिरकर 1635 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
एयरटेल और स्पेसएक्स की हाई-स्पीड इंटरनेट डील
भारती एयरटेल ने हाल ही में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए एक महत्वपूर्ण डील साइन की है।
इस डील का मकसद भारत में ग्राहकों को Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराना है।
- यह डील एडवांस सैटेलाइट कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी।
- ग्राहकों को बेहतर मोबाइल इंटरनेट और वर्ल्ड-क्लास ब्रॉडबैंड सेवा मिलेगी।
- एयरटेल के एमडी गोपाल विट्ठल ने इसे “भविष्य की इंटरनेट टेक्नोलॉजी में एक बड़ा कदम” बताया है।
गिरावट का कारण Jio की स्पेसएक्स डील भी बनी फैक्टर?
- Jio टेलीकॉम ने भी स्पेसएक्स के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए एक डील साइन की है।
- इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई, जिससे एयरटेल के शेयर पर दबाव आया।
- निवेशकों को लग रहा है कि Jio और Airtel दोनों को बराबर टक्कर मिलेगी, जिससे एयरटेल को कोई खास एडवांटेज नहीं मिलेगा।
भारती एयरटेल की फंडामेंटल स्थिति
फैक्टर | विवरण |
---|---|
मार्केट कैप | ₹10 लाख करोड़ |
P/E रेशियो | 40.89 |
बुक वैल्यू | ₹167.66 |
कुल कर्ज (Debt) | ₹1,46,000 करोड़ |
भारती एयरटेल एक मजबूत टेलीकॉम कंपनी है, लेकिन उच्च कर्ज और बढ़ती प्रतिस्पर्धा इसकी सबसे बड़ी चुनौतियां हैं।
निवेशकों के लिए रणनीति
शॉर्ट-टर्म निवेशक
- अभी बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है, इसलिए इंट्राडे या स्विंग ट्रेडर्स के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।
- शेयर में ₹1600 का सपोर्ट और ₹1680 का रेजिस्टेंस ज़ोन देखने को मिल सकता है।
लॉन्ग-टर्म निवेशक
- एयरटेल एक मजबूत कंपनी है और 5G, सैटेलाइट इंटरनेट जैसी नई टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है।
- ₹1500-₹1550 के आसपास कोई करेक्शन मिले तो लॉन्ग-टर्म के लिए एक अच्छा एंट्री पॉइंट हो सकता है।
Jio बनाम Airtel की टक्कर पर नजर रखें
- अगर Jio की स्पेसएक्स डील ज्यादा सफल रहती है, तो एयरटेल को नुकसान हो सकता है।
- मार्केट शेयर, यूजर ग्रोथ और ARPU (Average Revenue Per User) डेटा को फॉलो करें।
निष्कर्ष
भारती एयरटेल के शेयर में 1.7% गिरावट देखने को मिली, जो कि Jio की स्पेसएक्स डील और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण हो सकता है।
हालांकि, कंपनी की फंडामेंटल स्थिति मजबूत है, लेकिन उच्च कर्ज और टेलीकॉम सेक्टर की प्रतिस्पर्धा आगे की ग्रोथ पर असर डाल सकती है।