BPCL का पहला सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल प्लांट
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) 2027 तक अपना पहला सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) उत्पादन संयंत्र शुरू करने की योजना बना रहा है। यह कदम भारत सरकार के SAF मिश्रण दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो हरित ऊर्जा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी पर केंद्रित है।
SAF उत्पादन के लिए तकनीक का चयन
BPCL वर्तमान में ऑयल-टू-जेट और एथेनॉल-टू-जेट जैसी तकनीकों का आकलन कर रहा है। संयंत्र की स्थापना मुंबई या कोच्चि रिफाइनरी में की जाएगी, लेकिन उत्पादन क्षमता और निवेश का निर्णय अभी लंबित है।
सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) एक हरित ईंधन
- SAF एक बायो-जेट फ्यूल है, जो गैर-पेट्रोलियम उत्पादों से बनाया जाता है।
- यह पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में 80% तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम करता है।
- 2027 में सरकार द्वारा 1% SAF मिश्रण अनिवार्य किए जाने की संभावना है, जिसके लिए प्रति वर्ष 140 मिलियन लीटर SAF की आवश्यकता होगी।
भारत का नेट-जीरो लक्ष्य और SAF की भूमिका
- भारत का लक्ष्य 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करना है।
- SAF विमानन उद्योग के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा।
- यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा, 5 लाख गन्ना किसानों और 1 लाख हरित रोजगार को लाभ मिलेगा।
BPCL की हरित ऊर्जा और विस्तार योजना
BPCL ने अगले 5 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में ₹1.7 लाख करोड़ निवेश की योजना बनाई है:
- रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स ₹75,000 करोड़
- पाइपलाइन प्रोजेक्ट्स ₹8,000 करोड़
- गैस व्यवसाय ₹25,000 करोड़
- हरित ऊर्जा ₹10,000 करोड़
निष्कर्ष
BPCL का SAF प्रोजेक्ट न केवल भारत के विमानन उद्योग के लिए हरित विकल्प प्रदान करेगा, बल्कि यह देश के नेट-जीरो लक्ष्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहायक होगा। यह भारत की हरित ऊर्जा क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है।