BSE और NSE के Transaction Fees में बदलाव

BSE और NSE के Transaction Fees में बदलाव, SEBI के निर्देशों के तहत नई दरें

BSE और NSE द्वारा Transaction Fees में बदलाव निवेशकों पर क्या होगा असर?

BSE और NSE के Transaction Fees में बदलाव

Bombay Stock Exchange (BSE) ने अपने Derivatives Segment में कुछ प्रमुख बदलावों की घोषणा की है, जो 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होंगे। Currency Future Contracts और Sensex एवं Bankex Options के लिए Transaction Fees में संशोधन किया गया है। नए शुल्क के अनुसार, Premium Turnover के प्रति करोड़ 3,250 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, अन्य Equity Derivatives Contracts के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इसके विपरीत, Sensex 50 और Stock Options के लिए BSE प्रति करोड़ 500 रुपये का शुल्क वसूलता रहेगा, जबकि Index और Stock Futures पर कोई शुल्क लागू नहीं है।

NSE के शुल्क अपडेट्स

National Stock Exchange (NSE) ने भी कुछ सेगमेंट में अपने Transaction Fees अपडेट किए हैं। यहाँ पर NSE द्वारा पेश किए गए प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:

  • Cash Market: प्रति लाख रुपये के कारोबार पर प्रत्येक पक्ष पर 2.97 रुपये का शुल्क।
  • Equity Futures: प्रति लाख रुपये के कारोबार पर 1.73 रुपये का शुल्क।
  • Equity Options: दोनों पक्षों पर Premium Value के प्रति लाख 35.03 रुपये का ट्रांजैक्शन शुल्क।
  • Currency Futures: प्रति लाख रुपये के कारोबार मूल्य पर 0.35 रुपये का शुल्क।
  • Currency Options और Interest Rate Options: प्रीमियम मूल्य के प्रति लाख 31.10 रुपये का शुल्क।

SEBI के नए निर्देश

BSE और NSE के Transaction Fees में बदलाव

Securities and Exchange Board of India (SEBI) द्वारा 1 जुलाई, 2024 को जारी किए गए सर्कुलर के तहत ये बदलाव किए गए हैं। इस सर्कुलर में Market Infrastructure Institutions (MII) को निर्देश दिया गया था कि वे वॉल्यूम-आधारित स्लैब सिस्टम को समाप्त करें और सभी सदस्यों के लिए एक समान Fee Structure लागू करें। SEBI के इस कदम का मुख्य उद्देश्य सभी सदस्यों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करना और किसी भी गतिविधि-आधारित लाभ को समाप्त करना है।

ग्राहकों से एकत्र की गई फीस में पारदर्शिता

SEBI ने यह भी सुनिश्चित किया है कि Trading Members अपने ग्राहकों से वसूले जाने वाले शुल्कों को पारदर्शी तरीके से पेश करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि MII को दी गई सही राशि और ग्राहकों से एकत्र की गई राशि के बीच कोई अंतर न हो। SEBI के इस कदम से Transparency में वृद्धि होगी और निवेशकों के हितों की रक्षा की जाएगी।

निष्कर्ष

BSE और NSE द्वारा Transaction Fees में किए गए ये संशोधन बाजार सहभागियों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। SEBI द्वारा पेश किए गए निर्देशों से बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी, और इन बदलावों से बाजार के सभी सदस्यों के बीच समानता का सिद्धांत स्थापित होगा। निवेशकों को इन बदलावों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और किसी भी प्रकार की असंगतियों से बचने के लिए अपने Trading Members से स्पष्ट जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *