कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर

आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर

आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के सदस्य नागेश कुमार ने सुझाव दिया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को आगामी आम बजट 2025-26 में कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capex) और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्पेंडिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनका मानना है कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक स्थिर और सस्टेनेबल ग्रोथ की ओर बढ़ सकेगी।

कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर

वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू विकास पर प्रभाव

  • कोविड महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेज सुधार देखा गया था, लेकिन हाल ही में आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती आई है।
  • वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घरेलू मांग में गिरावट के बीच सरकारी खर्च बढ़ाने की जरूरत बताई जा रही है।
  • एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से नौकरी के अवसर बढ़ेंगे और डोमेस्टिक डिमांड में भी सुधार आएगा।

कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर

  • वित्त मंत्री को पिछले दो वर्षों में शुरू की गई कैपेक्स योजनाओं को और विस्तार देना चाहिए।
  • 2024-25 में 11.11 लाख करोड़ रुपये के Capex आवंटन का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।
  • सरकार द्वारा राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (NIP) और गति शक्ति योजना जैसी पहलों को जारी रखना जरूरी है।

कैपेक्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर

रुपये की कमजोरी डॉलर की मजबूती मुख्य कारण

  • रुपये की कमजोरी के सवाल पर कुमार ने इसे अमेरिकी डॉलर की मजबूती से जोड़ा।
  • उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले वैश्विक मुद्राएं कमजोर हो रही हैं, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूती और नए प्रशासन की नीतियों का नतीजा है।
  • वर्तमान में रुपया 86.60 प्रति डॉलर के आसपास है।
  • उन्होंने सुझाव दिया कि एक प्रतिस्पर्धी एक्सचेंज रेट बनाए रखना निर्यातकों के लिए फायदेमंद होगा।

फ्रीबीज़ पर चिंता लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए खतरा

  • कुमार ने राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त योजनाओं (Freebies) पर चिंता जताई।
  • उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाओं पर अत्यधिक खर्च बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपलब्ध संसाधनों को सीमित कर सकता है।
  • लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए उत्पादक क्षेत्रों में निवेश अधिक जरूरी है।

GDP ग्रोथ सुधार की जरूरत

  • दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की GDP ग्रोथ 5.4% रही, जो पिछले सात तिमाहियों में सबसे कम है।
  • सार्वजनिक खर्च को प्राथमिकता देकर अर्थव्यवस्था को तेज विकास दर की ओर ले जाया जा सकता है।

निष्कर्ष

नागेश कुमार का सुझाव है कि आम बजट 2025-26 में सरकार को कैपिटल एक्सपेंडिचर और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। इससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी, रोजगार सृजन और घरेलू मांग में सुधार होगा।

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