महंगाई से राहत के लिए बजट 2025-26 में
बजट 2025-26 में, केंद्र सरकार महंगाई से जूझ रहे आम नागरिकों को राहत देने के लिए कई बड़े कदम उठा सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने इस बजट के लिए कुछ अहम सुझाव दिए हैं, जिनमें पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती, न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने, और टैक्स सुधार जैसे कदम शामिल हैं।
1. पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती
- वर्तमान स्थिति
- पेट्रोल के खुदरा मूल्य का 21% और डीजल का 18% केंद्रीय उत्पाद शुल्क होता है।
- वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 40% गिरावट के बावजूद, यह लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा है।
- CII का सुझाव
- पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
- प्रभाव
- महंगाई दर में कमी होगी।
- उपभोक्ताओं की खर्च करने योग्य आय बढ़ेगी।
2. न्यूनतम मजदूरी और व्यक्तिगत आयकर में बदलाव
CII के सुझाव
- न्यूनतम मजदूरी बढ़ाना
- खपत बढ़ाने और निम्न आय वर्ग की सहायता के लिए यह कदम आवश्यक है।
- व्यक्तिगत आयकर दरों में बदलाव
- 20 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स दर कम करने का सुझाव।
- हाईएस्ट मार्जिनल टैक्स रेट में सुधार
- वर्तमान में व्यक्तियों के लिए 42.74% की हाईएस्ट टैक्स दर और कंपनियों के लिए 25.17% कॉर्पोरेट टैक्स दर के बीच बड़े अंतर को कम करने का प्रस्ताव।
3. उपभोग वाउचर का सुझाव
- उद्देश्य
- कम आय वाले समूहों की खरीदारी शक्ति बढ़ाना।
- खासियत
- वाउचर की वैधता 6-8 महीने होगी।
- इन्हें केवल खास उत्पादों और सेवाओं के लिए उपयोग किया जा सकेगा।
- प्रभाव
- चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं की मांग बढ़ेगी।
- घरेलू खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।
4. पीएम-किसान योजना में सुधार
- वर्तमान स्थिति
- किसानों को वार्षिक 6,000 रुपये का भुगतान किया जाता है।
- CII का सुझाव
- इसे बढ़ाकर 8,000 रुपये करने की सिफारिश।
- प्रभाव
- ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ेगी।
- किसानों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता मिलेगी।
महंगाई और उपभोक्ता क्रय शक्ति
CII के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार
- महंगाई से उपभोक्ताओं की खरीदारी शक्ति घटी है।
- सरकार को खर्च करने योग्य आय बढ़ाने और घरेलू खपत को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष
CII का मानना है कि घरेलू खपत भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यदि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती, टैक्स में सुधार, और उपभोग वाउचर जैसे कदम उठाती है, तो यह न केवल आम जनता को राहत देगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को भी बनाए रखने में मदद करेगा।