इनकम टैक्स में भारी छूट के बाद भी मार्केट शांत रहा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश किया, जिसमें सबसे बड़ी घोषणा ₹12 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देने की रही। यह फैसला मध्यम वर्ग (Middle Class) के लिए ऐतिहासिक राहत लेकर आया है।
इनकम टैक्स में छूट से उपभोक्ता खर्च को मिलेगा बढ़ावा
सरकार का उद्देश्य इस राहत के जरिए उपभोक्ता खर्च (Consumption) को बढ़ाना है। जब लोगों के पास ज्यादा पैसा बचेगा, तो वे इसे खर्च या निवेश करेंगे, जिससे बाजार और अर्थव्यवस्था में तेजी आ सकती है।
हालांकि, इतनी बड़ी टैक्स छूट के बावजूद, भारतीय शेयर बाजार ने न्यूट्रल प्रतिक्रिया दी।
शेयर बाजार क्यों रहा न्यूट्रल?
बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capex) को 10.80 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो पिछले साल के मुकाबले कम है।
- 2024 में Capex 11.11 लाख करोड़ रुपए
- 2025 में Capex 10.80 लाख करोड़ रुपए
विशेषज्ञों के अनुसार, धीमी हो रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिक निवेश की जरूरत थी। लेकिन कैपेक्स में कमी ने बाजार को निराश किया, जिसके चलते शेयर बाजार में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली।
बजट 2025 का शेयर बाजार पर प्रभाव
- बजट की शुरुआत में बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट देखी गई।
- इनकम टैक्स में ₹12 लाख तक की छूट के बावजूद बाजार में उत्साह नहीं दिखा।
- राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 4.4% पर रखा गया है, लेकिन GDP के नए आंकड़े नहीं बताए गए।
- शेयर बाजार इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च की उम्मीद कर रहा था, लेकिन सरकार ने इस क्षेत्र में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं की।
सरकार के अन्य प्रमुख फैसले
1. इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई (FDI) 100% हुआ
- गिरते रुपए को संभालने के लिए बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया।
- इससे बीमा कंपनियों को अधिक पूंजी मिलेगी और यह लंबी अवधि में बाजार को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
2. टूरिज्म सेक्टर को मिली प्राथमिकता
- सरकार ने पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं शुरू करने की घोषणा की।
- इससे हॉस्पिटैलिटी और एविएशन सेक्टर को फायदा हो सकता है।
3. शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में कोई बदलाव नहीं
- बाजार में यह उम्मीद थी कि कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) में कुछ बदलाव होंगे, लेकिन सरकार ने इसे यथावत रखा।
निष्कर्ष
यह बजट मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा रहा, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल एक्सपेंडिचर में कमी से शेयर बाजार संतुष्ट नहीं दिखा। सरकार को आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं।