बटरफ्लाई स्प्रेड्स क्या हैं?
बटरफ्लाई स्प्रेड्स ऑप्शन ट्रेडिंग में उपयोग की जाने वाली एक ऐसी रणनीति है जो सीमित जोखिम और सीमित लाभ प्रदान करती है। इसमें चार ऑप्शन्स का संयोजन शामिल होता है, जिसमें दो लो स्ट्राइक प्राइस और दो हाई स्ट्राइक प्राइस वाले ऑप्शन्स होते हैं। यह रणनीति तब उपयुक्त होती है जब ट्रेडर को उम्मीद होती है कि बाजार में सीमित उतार-चढ़ाव रहेगा और कीमतें एक दायरे में बंद रहेंगी।
बटरफ्लाई स्प्रेड्स के प्रकार
1. लॉन्ग बटरफ्लाई स्प्रेड्स
लॉन्ग बटरफ्लाई स्प्रेड का उपयोग तब होता है जब ट्रेडर को लगता है कि बाजार स्थिर रहेगा। इसमें ट्रेडर का लाभ और नुकसान दोनों सीमित होते हैं।
2. शॉर्ट बटरफ्लाई स्प्रेड्स
शॉर्ट बटरफ्लाई स्प्रेड का उपयोग तब किया जाता है जब ट्रेडर को उम्मीद हो कि बाजार की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव होगा, चाहे वो ऊपर की ओर हो या नीचे की ओर।
लॉन्ग कॉल बटरफ्लाई स्प्रेड का उदाहरण
मान लीजिए, कोई स्टॉक ₹5000 पर ट्रेड कर रहा है। एक ट्रेडर ₹4500, ₹5000 और ₹5500 की स्ट्राइक प्राइस वाली कॉल ऑप्शन्स का निम्नलिखित संयोजन करता है
- ₹4500 की स्ट्राइक प्राइस पर एक कॉल ऑप्शन खरीदता है
- ₹5000 की स्ट्राइक प्राइस पर दो कॉल ऑप्शन्स बेचता है
- ₹5500 की स्ट्राइक प्राइस पर एक कॉल ऑप्शन खरीदता है
यह रणनीति तब लाभ देती है जब बाजार एक सीमित दायरे में रहता है, लेकिन अत्यधिक उतार-चढ़ाव में यह नुकसानदायक हो सकती है।
बटरफ्लाई स्प्रेड्स का उपयोग कब करें?
- जब बाजार में स्थिरता की संभावना अधिक हो।
- सीमित जोखिम के साथ एक सुरक्षित रणनीति की आवश्यकता हो।
बटरफ्लाई स्प्रेड्स के फायदे
- सीमित जोखिम इस रणनीति में केवल प्रीमियम का नुकसान हो सकता है, जिससे आपका जोखिम नियंत्रित रहता है।
- कम लागत अन्य ऑप्शन स्ट्रैटेजीज़ की तुलना में इसकी शुरुआती लागत कम होती है।
बटरफ्लाई स्प्रेड्स के नुकसान
- सीमित लाभ अगर बाजार आपकी उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ता है, तो मुनाफा सीमित हो जाता है।
- साइडवेज़ मार्केट में ही प्रभावी अगर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव होता है, तो इस रणनीति से मुनाफा कमाने की संभावना घट जाती है।
निष्कर्ष
बटरफ्लाई स्प्रेड्स एक सुरक्षित रणनीति है, खासकर उन ट्रेडर्स के लिए जो सीमित जोखिम के साथ व्यापार करना चाहते हैं। इस रणनीति को बड़े उतार-चढ़ाव वाले बाजार में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसे अपनाने से पहले बाजार का उचित विश्लेषण और जोखिम प्रबंधन आवश्यक है।