केमिकल सेक्टर में उछाल सरकार के फैसले का असर
सोडा ऐश इंपोर्ट पॉलिसी
सरकार ने सोडा ऐश इंपोर्ट पर सख्त कदम उठाते हुए निम्नलिखित बदलाव किए हैं:
- मिनिमम इंपोर्ट प्राइस (MIP) ₹20,108 प्रति मीट्रिक टन।
- श्रेणी में बदलाव सोडा ऐश को “मुक्त” से “प्रतिबंधित” में डाला गया।
यह कदम सस्ते चीनी आयात (₹16,000 प्रति मीट्रिक टन) को रोकने और घरेलू कंपनियों को मजबूती देने के लिए उठाया गया है।
सोडा ऐश का महत्व
- कहां होता है उपयोग
- कांच निर्माण।
- डिटर्जेंट और रसायन उद्योग।
- पॉलिसी का उद्देश्य
- घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन।
- बाजार में स्थिरता लाना।
प्रमुख स्टॉक्स पर असर
GHCL
- शेयर प्राइस ₹49.70 (7.38%) बढ़कर ₹723.50।
- दिन का हाई-लो ₹744 (हाई) और ₹671.30 (लो)।
- 52 वीक हाई-लो ₹759.40 (हाई) और ₹434.95 (लो)।
- वॉल्यूम 2,460,816 शेयर।
- मार्केट कैप ₹6,927 करोड़।
- रिटर्न
- 1 महीने 20.26%।
- 1 साल 24.53%।
टाटा केमिकल्स
- शेयर प्राइस ₹20.40 (1.98%) बढ़कर ₹1,052.20।
- दिन का हाई ₹1,061.05।
- रिटर्न
- 1 हफ्ता -1.44%।
- 1 महीना -5.6%।
- 1 साल -4.70%।
घरेलू कंपनियों के लिए लाभ
विश्लेषकों का मानना है कि इस पॉलिसी से घरेलू कंपनियों के रियलाइजेशन 10-20% तक बढ़ सकते हैं।
- निर्मल बंग सिक्योरिटी रिपोर्ट
- चीन में सोडा ऐश की कीमत $200-$220 प्रति मीट्रिक टन।
- नई पॉलिसी घरेलू बाजार को संतुलित करेगी।
निवेशकों के लिए क्या करें?
- लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस GHCL, टाटा केमिकल्स, और DCW जैसी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।
- गवर्नमेंट पॉलिसी सपोर्ट घरेलू कंपनियों पर सरकार के फैसले निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत देते हैं।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा सोडा ऐश इंपोर्ट पर सख्ती और MIP तय करने से केमिकल सेक्टर में रौनक देखने को मिल रही है। GHCL और टाटा केमिकल्स जैसे शेयर लॉन्ग-टर्म में बेहतर निवेश विकल्प हो सकते हैं।
Disclaimer यह विश्लेषण निवेशकों को सही दिशा दिखाने के लिए है। निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।