सर्किट ब्रेकर्स और मार्केट हॉल्ट्स क्या हैं?
शेयर बाजार में अचानक उतार-चढ़ाव निवेशकों को बड़ी चिंताओं में डाल सकता है। इस स्थिति को नियंत्रित करने और बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए सर्किट ब्रेकर्स और मार्केट हॉल्ट्स जैसी प्रक्रियाएं लागू की जाती हैं। आइए, इनके बारे में विस्तार से समझें।
सर्किट ब्रेकर्स क्या हैं?
सर्किट ब्रेकर्स वह सीमाएं होती हैं, जो किसी स्टॉक या इंडेक्स में अत्यधिक वृद्धि या गिरावट के समय बाजार को अस्थायी रूप से रोक देती हैं।
कैसे काम करते हैं?
- जब किसी स्टॉक या इंडेक्स की कीमत pre-defined percentage limits (जैसे 10%, 15%, 20%) से ऊपर या नीचे चली जाती है, तो ट्रेडिंग रोक दी जाती है।
- इस दौरान निवेशकों को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने और घबराहट से बचने का समय मिलता है।
उदाहरण
यदि Nifty 50 एक दिन में 10% गिरता है, तो 15 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोक दी जाएगी।
सर्किट ब्रेकर्स के मुख्य उद्देश्य
- पैनिक को रोकना घबराहट से होने वाली तेजी या गिरावट को नियंत्रित करना।
- निवेशकों को समय देना रणनीति पर विचार करने का मौका।
- बाजार में संतुलन असामान्य उतार-चढ़ाव को स्थिर करना।
मार्केट हॉल्ट्स क्या हैं?
मार्केट हॉल्ट्स तब लागू होते हैं जब किसी विशेष स्टॉक या पूरे बाजार में असामान्य गतिविधियां होती हैं।
कब लागू होते हैं?
- सर्किट ब्रेकर ट्रिगर होने पर।
- किसी स्टॉक में अत्यधिक वोलैटिलिटी के कारण।
- किसी कंपनी की महत्वपूर्ण घोषणा (जैसे M&A, दिवालियापन)।
प्रकार
- वोलैटिलिटी हॉल्ट्स स्टॉक की कीमत में अत्यधिक उतार-चढ़ाव।
- न्यूज पेंडिंग हॉल्ट्स कंपनी से जुड़ी अहम जानकारी की घोषणा।
सर्किट ब्रेकर्स और मार्केट हॉल्ट्स में अंतर
पैरामीटर | सर्किट ब्रेकर्स | मार्केट हॉल्ट्स |
---|---|---|
लागू होते हैं | पूरे बाजार या प्रमुख इंडेक्स पर | किसी विशेष स्टॉक पर |
आधार | Pre-defined limits | असामान्य गतिविधियां या न्यूज |
समय | Percentage-based | स्थिति पर निर्भर |
भारत में सर्किट ब्रेकर सिस्टम
भारतीय शेयर बाजार (NSE और BSE) में सर्किट ब्रेकर्स तीन स्तरों पर लागू होते हैं
सीमा | ट्रेडिंग रोकी जाएगी |
---|---|
10% | 15 मिनट |
15% | 45 मिनट |
20% | पूरे दिन के लिए ट्रेडिंग बंद। |
यह नियम Nifty 50 और Sensex जैसे प्रमुख इंडेक्स पर लागू होता है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- घबराएं नहीं बाजार स्थिरता के लिए सर्किट ब्रेकर्स और मार्केट हॉल्ट्स को समझें।
- लंबी अवधि का नजरिया रखें अस्थायी उतार-चढ़ाव से बचें।
- फंडामेंटल पर ध्यान दें स्टॉक की वैल्यू और प्रदर्शन का विश्लेषण करें।
- सलाह लें किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से परामर्श करें।
निष्कर्ष
सर्किट ब्रेकर्स और मार्केट हॉल्ट्स बाजार में स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये निवेशकों को अचानक उतार-चढ़ाव के समय सोच-समझकर निर्णय लेने का अवसर प्रदान करते हैं।
क्या आपने सर्किट ब्रेकर्स या मार्केट हॉल्ट्स का अनुभव किया है? अपनी राय साझा करें!