Crude Oil

Crude Oil की गिरती कीमतों का असर किन शेयरों पर पड़ता है

Crude Oil की कीमतों में गिरावट 

1. तेल की गिरती कीमतों का कंपनियों पर प्रभाव

5 मई, सोमवार को पेंट और टायर कंपनियों के शेयरों में तेज़ी देखी गई। इसका मुख्य कारण था कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में आई तेज़ गिरावट। वैश्विक सप्लाई अधिक होने और डिमांड में कमी के चलते कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बना है, जिससे इन सेक्टर्स को लागत में बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

Crude Oil

2. पेंट और टायर उद्योग में लागत घटने की संभावना

पेंट सेक्टर पर असर

Asian Paints जैसी कंपनियों को राहत मिल सकती है क्योंकि वे लगभग 300 से अधिक कच्चे माल का उपयोग करती हैं, जिनमें से अधिकांश पेट्रोलियम आधारित होते हैं। Crude Oil सस्ता होने से प्रोडक्शन कॉस्ट में गिरावट आ सकती है।

टायर सेक्टर पर असर

टायर इंडस्ट्री भी Crude Derivatives पर भारी रूप से निर्भर है। तेल की कीमत घटने से इन कंपनियों के Gross Margin और Net Profitability में सुधार आ सकता है।

3. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह संकेत कितना सकारात्मक

भारत अपनी कुल Crude Oil जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है। तेल की कीमत में गिरावट से भारत के Current Account Deficit पर दबाव कम हो सकता है। साथ ही पेंट और टायर जैसे सेक्टर्स में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी, जिससे इकॉनमी को और मजबूती मिल सकती है।

4. उपभोक्ताओं को भी मिल सकता है सीधा लाभ

Crude Oil

यदि तेल की कीमतें लंबे समय तक नीची बनी रहती हैं, तो कंपनियां यह लागत लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकती हैं। इससे Paint और Tyre Products की कीमतें घटेंगी, जिससे बाजार में उनकी मांग और प्रतिस्पर्धा दोनों बढ़ सकती हैं।

5. OPEC+ का बड़ा फैसला और इसके परिणाम

OPEC+ ने हाल ही में तेल उत्पादन बढ़ाने का निर्णय लिया, जिससे ग्लोबल सप्लाई और अधिक हो गई है। दूसरी ओर, व्यापार युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता के कारण डिमांड पहले से ही कम थी। इस संतुलन के टूटने से Crude Oil Prices में तेज़ गिरावट आई।

6. ब्रेंट और WTI क्रूड में गिरावट के आंकड़े

  • Brent Crude 4.6% की गिरावट के साथ $58 प्रति बैरल तक गिरा

  • WTI Crude $56 प्रति बैरल के करीब ट्रेड कर रहा है

7. Morgan Stanley का अनुमान

Morgan Stanley ने अपने 2025 के बचे हुए महीनों के लिए ब्रेंट क्रूड का अनुमान घटा दिया है। फर्म को उम्मीद है कि Brent Crude की कीमतें साल की दूसरी छमाही में $60 प्रति बैरल के आस-पास रह सकती हैं।

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