विदेशी निवेश में गिरावट
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में गिरावट के कारण
पिछले छह महीनों में भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में गिरावट दर्ज की गई है। इसके पीछे कई प्रमुख कारण हैं
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अमेरिकी बॉन्ड पर उच्च यील्ड – निवेशकों को अमेरिका में ज्यादा रिटर्न मिल रहा है, जिससे वे भारतीय बाजार से दूर हो रहे हैं।
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मजबूत अमेरिकी डॉलर – डॉलर की मजबूती ने उभरते बाजारों में निवेश को कम आकर्षक बना दिया है।
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अमेरिका और भारत की यील्ड्स में कम अंतर – इससे विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में निवेश करने का अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा।
सोने में निवेश फंड हाउस की राय
फंड हाउस ने सोने को लेकर शॉर्ट टर्म में न्यूट्रल और लॉन्ग टर्म में पॉजिटिव दृष्टिकोण रखा है।
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सोने की कीमतों में भविष्य में तेजी की संभावना है।
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लॉन्ग टर्म में निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB), गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स में निवेश की सलाह दी गई है।
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सुरक्षित निवेश के रूप में सोना पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन में मदद कर सकता है।
ज्वैलरी की मांग पर असर
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सोने की बढ़ती कीमतों के कारण ज्वैलरी की मांग घटी है, क्योंकि उपभोक्ताओं के लिए यह महंगा हो गया है।
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हालांकि, निवेशकों की दिलचस्पी अभी भी बनी हुई है, क्योंकि वे इसे सुरक्षित संपत्ति मानते हैं।
भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं का प्रभाव
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वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव के कारण केंद्रीय बैंक सोने की खरीद कर रहे हैं।
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इससे सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो रही है।
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अनिश्चित बाजार स्थितियों में निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मान रहे हैं।
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन की सलाह
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निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करने की सलाह दी गई है, ताकि संभावित जोखिमों को संतुलित किया जा सके।
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इससे दीर्घकालिक निवेश में स्थिरता और सुरक्षा बनी रह सकती है।