शेयर बाजार में गिरावट
शेयर बाजार में हाल ही में आई हर तेजी मुनाफावसूली में बदल जाती है। खासतौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की स्थिति ज्यादा खराब है। इन शेयरों में भारी बिकवाली हो रही है, जिससे निवेशक असमंजस में हैं कि वे इस अनिश्चित माहौल में क्या कदम उठाएं।
2025 की पहली छमाही होगी चुनौतीपूर्ण
मार्केट एक्सपर्ट मेहरबून ईरानी का कहना है कि 2025 की पहली छमाही निवेशकों के लिए मुश्किल भरी हो सकती है। उनका मानना है कि कोविड महामारी के बाद बाजार में आए नए निवेशकों ने अभी तक असली गिरावट नहीं देखी है।
उन्होंने कहा, “हालांकि बाजार में गिरावट हुई है, लेकिन इसे असली “खून की होली” नहीं कहा जा सकता। सही मायने में बॉटम तभी बनता है जब बाजार में हर तरफ डर और घबराहट का माहौल हो, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं दिख रहा है।”
बिकवाली बढ़ी, प्रमोटर्स ने उठाया फायदा
पिछले कुछ महीनों में बाजार में बिकवाली बढ़ी है। इस दौरान कई कंपनियों के प्रमोटर्स ने ऊंचे भाव पर अपनी हिस्सेदारी बेचकर मुनाफा लिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर अब सस्ते भाव पर उपलब्ध हैं।
क्या यह निवेश का सही समय है?
मेहरबून ईरानी का मानना है कि यह समय घबराने का नहीं, बल्कि चुनिंदा शेयरों में निवेश करने का है। बाजार में ऐसे कई स्टॉक्स हैं जो अगले 3 से 9 महीनों में अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि वे उन कंपनियों में निवेश करें जिनकी वित्तीय स्थिति मजबूत है और जिनका वैल्यूएशन मौजूदा गिरावट के कारण आकर्षक हो गया है।
क्या निवेशकों को डरना चाहिए?
ईरानी के मुताबिक, बाजार में अभी हर तरफ घबराहट का माहौल नहीं है। हालांकि, निवेशकों को इस गिरावट के दौर में सही मौके तलाशने चाहिए। यह कहना मुश्किल है कि बाजार का बॉटम कब बनेगा, लेकिन यह समय अवसरों की पहचान करने का है।
गिरावट में अवसर तलाशें
यह समय उन निवेशकों के लिए सुनहरा मौका हो सकता है जो धैर्य के साथ गिरावट को अवसर के रूप में देखते हैं। अगर सही रणनीति के साथ निवेश किया जाए तो आने वाले महीनों में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।