भारतीय डिफेंस सेक्टर में तेजी 

भारतीय डिफेंस सेक्टर में तेजी कौन-कौन से स्टॉक होंगे प्रभावित?

भारतीय डिफेंस सेक्टर में तेजी

रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council – DAC) के हालिया फैसलों ने डिफेंस सेक्टर के शेयरों में तेजी की उम्मीद बढ़ा दी है। आइए जानते हैं इन निर्णयों के बारे में और किन कंपनियों को इसका फायदा होगा।

1. प्रमुख फैसले

भारतीय डिफेंस सेक्टर में तेजी 

  1. 31 वॉटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट
    • समुद्री निगरानी, पेट्रोलिंग और ऑपरेशंस के लिए उपयोग।
    • कंपनियों जैसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स को इसका सीधा लाभ होगा।
  2. 120 फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट
    • विमानवाहक और पनडुब्बियों की सुरक्षा में मदद।
    • कोचीन शिपयार्ड और अन्य शिपबिल्डिंग कंपनियां इसमें भागीदार हो सकती हैं।
  3. Su-30 MKI फाइटर जेट्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (EWS)
    • फाइटर जेट्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए।
    • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को प्रमुख लाभ मिल सकता है।
  4. 6 हल्के हेलीकॉप्टर (ALH-M)
    • तटरक्षक बल के लिए निगरानी और बचाव कार्य।
    • HAL (Hindustan Aeronautics Limited) इस प्रोजेक्ट का मुख्य लाभार्थी होगा।
  5. T-72 और T-90 टैंकों का ओवरऑल और इंजनों की मरम्मत
    • रक्षा उपकरणों के रखरखाव और मजबूती पर ध्यान।
    • यह BEL और अन्य रक्षा उत्पादन कंपनियों को नई परियोजनाओं का हिस्सा बना सकता है।

2. प्रभावित कंपनियां

कंपनी संभावित प्रभाव
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स वॉटर जेट और इंटरसेप्टर क्राफ्ट निर्माण में योगदान।
HAL हल्के हेलीकॉप्टर और रक्षा उपकरण उत्पादन।
कोचीन शिपयार्ड जहाज निर्माण परियोजनाओं में शामिल।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और रक्षा उपकरण।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंटरसेप्टर क्राफ्ट और वॉटर जेट निर्माण।

3. निवेशकों के लिए सलाह

  • डिफेंस सेक्टर की मजबूती
    भारत सरकार का बढ़ता रक्षा बजट और आत्मनिर्भर भारत की पहल डिफेंस सेक्टर को लंबे समय तक बढ़ावा देंगे।
  • शॉर्ट टर्म निवेश
    मौजूदा तेजी से अल्पकालिक लाभ हो सकता है।
  • लॉन्ग टर्म निवेश
    परियोजनाओं की डिलीवरी और कंपनियों की कार्यक्षमता को देखते हुए निर्णय लें।

निवेश से पहले ध्यान दें

  • किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
  • डिफेंस सेक्टर की कंपनियां लंबी अवधि के लिए मजबूत हो सकती हैं, लेकिन अल्पकालिक निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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