Definition of Derivatives
डेरिवेटिव्स वित्तीय अनुबंध होते हैं जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित परिसंपत्ति या परिसंपत्तियों के समूह से निर्धारित होता है। इनमें Stocks, Bonds, Currencies, Commodities, और Market Indices जैसी परिसंपत्तियाँ शामिल होती हैं। बाजार की स्थितियों में बदलाव के कारण इन परिसंपत्तियों का मूल्य घटता-बढ़ता रहता है, और डेरिवेटिव्स का उद्देश्य भविष्य में इन मूल्यों पर सट्टा लगाकर लाभ कमाना होता है।
Types of Derivatives
डेरिवेटिव्स विभिन्न प्रकार के होते हैं, जो निवेशकों को विभिन्न व्यापारिक उद्देश्यों और रणनीतियों के लिए विकल्प प्रदान करते हैं:
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Forward Contracts
फॉरवर्ड अनुबंध एक OTC (Over-the-Counter) ट्रेड होता है, जो दो पक्षों के बीच भविष्य में एक निश्चित मूल्य पर परिसंपत्ति खरीदने या बेचने का समझौता होता है। ये अनुबंध विनियमित नहीं होते हैं और इन्हें कस्टमाइज किया जा सकता है। -
Options
ऑप्शंस एक अनुबंध है जिसमें खरीदार को एक परिसंपत्ति को एक निर्धारित मूल्य पर खरीदने या बेचने का अधिकार होता है, लेकिन इसे पूरा करने की कानूनी बाध्यता नहीं होती। इसमें निवेशक केवल एक प्रीमियम का भुगतान करता है और अगर बाजार की स्थिति अनुकूल हो, तो ऑप्शन का प्रयोग करता है। -
Futures
फ्यूचर्स, फॉरवर्ड्स के समान होते हैं, लेकिन इनका ट्रेड एक्सचेंज पर होता है और इन्हें मानकीकृत किया गया होता है। Futures अनुबंधों का Standardization उनके विनियमन में सहायक होता है और इन्हें पारदर्शी तरीके से व्यापार में लाया जाता है। -
Swaps
स्वैप्स एक प्रकार का वित्तीय अनुबंध होता है जिसमें दो पक्ष आपस में नकदी प्रवाह को बदलते हैं। इसमें आमतौर पर Currency Swaps और Interest Rate Swaps प्रमुख होते हैं। स्वैप्स का उद्देश्य जोखिम को कम करना होता है।
Steps for Derivatives Trading
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में कुछ महत्वपूर्ण चरण होते हैं, जो आपको सफलतापूर्वक ट्रेड करने में मदद करते हैं:
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Trading Account खोलें
सबसे पहले, आपको एक Online Trading Account खोलना होता है। बिना इस खाते के डेरिवेटिव्स में ट्रेड करना संभव नहीं होता है। -
Margin Amount जमा करें
ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको Margin Amount जमा करनी होती है। यह राशि ट्रेडिंग की अवधि तक लॉक रहती है और ट्रेडिंग की जोखिम सीमा को दर्शाती है। -
Asset Knowledge
अंतर्निहित परिसंपत्तियों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है। आपको यह समझना होगा कि जिस परिसंपत्ति पर आप दांव लगा रहे हैं, उसका बाजार में कैसा प्रदर्शन हो सकता है। -
Hold Contract
ट्रेडिंग अनुबंध की समाप्ति तक इसे बनाए रखना होता है। ट्रेड पूरा होने के बाद ही आप अपने मुनाफे या नुकसान का आकलन कर सकते हैं।
Advantages of Derivatives
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के कई फायदे हैं, जो निवेशकों को जोखिम प्रबंधन और मुनाफे के लिए प्रेरित करते हैं:
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Low Transaction Cost:
अन्य वित्तीय उपकरणों की तुलना में, डेरिवेटिव्स में लेन-देन की लागत अपेक्षाकृत कम होती है। इससे निवेशकों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर मिलता है। -
Risk Hedging:
डेरिवेटिव्स का मुख्य उद्देश्य जोखिम कम करना है। जब बाजार में मूल्य अस्थिरता होती है, तो डेरिवेटिव्स का उपयोग करके जोखिम को प्रभावी ढंग से हेज किया जा सकता है। यह जोखिम प्रबंधन का एक उत्कृष्ट साधन है।
Disadvantages of Derivatives
हालांकि डेरिवेटिव्स के कई फायदे होते हैं, लेकिन इनके कुछ नुकसान भी होते हैं:
- Lack of Customization:
Exchange-Traded Derivatives में मानकीकरण होता है, जिससे इन्हें व्यक्तिगत निवेशकों की जरूरतों के अनुसार अनुकूलित नहीं किया जा सकता है। यह बाजार में लचीलापन कम कर सकता है और कुछ निवेशकों के लिए अनुबंधों को सीमित कर सकता है।
निष्कर्ष
डेरिवेटिव्स एक शक्तिशाली वित्तीय उपकरण होते हैं जो निवेशकों को जोखिम प्रबंधन और मुनाफा कमाने के अवसर प्रदान करते हैं। इनके विभिन्न प्रकार और ट्रेडिंग प्रक्रिया निवेशकों के लिए कई विकल्प उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, निवेशकों को इनके साथ जुड़े जोखिम और नुकसान को समझकर ही निवेश करना चाहिए।