SEBI ने Derivative Trading पर उठाया सख्त कदम

SEBI ने Derivative Trading पर उठाया सख्त कदम , जाने पूरी खबर

Derivative Trading पर सख्त नियम SEBI की संभावित सख्ती और छोटे निवेशकों पर प्रभाव

 

SEBI ने Derivative Trading पर उठाया सख्त कदम

 

भारतीय स्टॉक मार्केट में डेरिवेटिव ट्रेडिंग (Derivatives Trading) एक प्रमुख भूमिका निभाता है, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी (Securities and Exchange Board of India) इस सेगमेंट में सख्त नियम लाने की योजना बना रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इन प्रस्तावित नियमों को सेबी बोर्ड की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी, और इन्हें जल्द ही जारी किया जा सकता है। इस कदम का उद्देश्य डेरिवेटिव मार्केट में सट्टेबाजी पर नियंत्रण करना और व्यक्तिगत निवेशकों को अत्यधिक जोखिम से बचाना है।

SEBI का नया मसौदा और डेरिवेटिव ट्रेडिंग में संभावित बदलाव

Moneycontrol की 9 जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक, सेबी लंबे समय से डेरिवेटिव मार्केट में सुधार करने के लिए नए फ्रेमवर्क पर विचार कर रहा था। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया गया था, जो futures और options (F&O) पर सिफारिशें दे रही थी। सेबी ने 30 सितंबर, 2024 की बहुप्रतीक्षित बोर्ड बैठक के बाद डेरिवेटिव्स से जुड़े नियमों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया, लेकिन प्रस्तावित मसौदा जल्द ही जारी होने की संभावना है।

व्यक्तिगत निवेशकों के नुकसान की रिपोर्ट

SEBI ने Derivative Trading पर उठाया सख्त कदम , जाने पूरी खबर

कोविड-19 के बाद भारत में F&O मार्केट में ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी वृद्धि देखी गई है। इसके बावजूद, SEBI के आंकड़ों के अनुसार, व्यक्तिगत निवेशकों और proprietorship firms को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। वित्त वर्ष 2023 में लगभग 92.5 लाख ट्रेडर्स ने ₹51,700 करोड़ का नुकसान उठाया, जिसमें लेनदेन लागत शामिल नहीं थी। पिछले तीन वित्तीय वर्षों में ट्रेडर्स ने ₹1.8 लाख करोड़ का नुकसान झेला है।

इन आंकड़ों से साफ है कि 93% व्यक्तिगत ट्रेडर्स ने औसतन 2 लाख रुपये का नुकसान उठाया है, जो यह दर्शाता है कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग में व्यक्तिगत निवेशकों के लिए उच्च जोखिम बना हुआ है।

नए नियमों का उद्देश्य

नए प्रस्तावित नियमों का मुख्य उद्देश्य डेरिवेटिव मार्केट में सट्टेबाजी पर नियंत्रण रखना है। इसमें विशेष रूप से futures और options में अत्यधिक ट्रेडिंग और भारी नुकसान से छोटे निवेशकों और ट्रेडर्स को बचाने के उपाय शामिल होंगे। यह कदम जिम्मेदार ट्रेडिंग को बढ़ावा देने और जोखिम को कम करने के लिए उठाया जा रहा है, खासकर उन ट्रेडर्स के लिए जो कम अनुभव या पूंजी के साथ बाजार में शामिल होते हैं।

Derivative Trading पर उठाया सख्त कदम

छोटे निवेशकों पर संभावित प्रभाव

ये प्रस्तावित मसौदा नियम विशेष रूप से छोटे और नए निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। सेबी की इस सख्ती से छोटे ट्रेडर्स को अत्यधिक सट्टेबाजी से बचाने की कोशिश की जा रही है। नए नियम संभवत निम्नलिखित सुधार लाएंगे:

  • लीवरेज पर सख्ती: निवेशकों को सीमित लीवरेज मिलेगा, जिससे वे अधिक उधार लेकर ट्रेड करने से बच सकेंगे।

  • मार्जिन बढ़ोतरी: ट्रेडर्स को अधिक मार्जिन देने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे छोटे ट्रेडर्स द्वारा अत्यधिक जोखिम वाले ट्रेड कम होंगे।

  • फंडिंग की आवश्यकता: नए नियमों से छोटे निवेशकों के पास अधिक पूंजी होने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे वे अधिक सुरक्षित ट्रेडिंग कर सकें।

  • जागरूकता कार्यक्रम: SEBI द्वारा निवेशकों को जागरूक करने और जिम्मेदार ट्रेडिंग के लिए अभियान चलाए जा सकते हैं।

सेबी के कदम और बाजार में प्रतिक्रिया

हालांकि अभी तक इन मसौदा नियमों की पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन ये नियम बाजार में एक नई संरचना ला सकते हैं। इसका सीधा प्रभाव छोटे निवेशकों और व्यक्तिगत ट्रेडर्स पर पड़ सकता है, जो अब तक Derivative Trading के अत्यधिक जोखिम से प्रभावित हो रहे थे। यह देखना होगा कि ये नए नियम किस प्रकार से F&O मार्केट के ट्रेडिंग पैटर्न को प्रभावित करते हैं और क्या इनसे बाजार में स्थिरता आती है या नहीं।

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