डायगोनल स्प्रेड का परिचय
Diagonal Spread एक अनूठी विकल्प ट्रेडिंग रणनीति है, जो Calendar Spread और Vertical Spread की विशेषताओं को जोड़ती है। यह रणनीति एक ही प्रकार के दो विकल्पों (कॉल या पुट) के बीच long और short positions बनाने पर आधारित है, लेकिन दोनों विकल्पों की expiration dates और strike prices में अंतर होता है।
डायगोनल स्प्रेड क्यों?
- Market volatility के बावजूद एक स्थिर रणनीति।
- Directional और Time Decay लाभों का संयोजन।
- Customizable स्प्रेड्स जो विभिन्न जोखिम-इनाम आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
डायगोनल स्प्रेड का निर्माण कैसे करें?
Diagonal Spread बनाने के लिए निम्नलिखित तत्वों को मिलाया जाता है:
- Horizontal Spread (Calendar Spread)
- एक समान strike price पर अलग-अलग expiration dates वाले विकल्प।
- Vertical Spread (Price Spread)
- समान expiration date पर अलग-अलग strike prices वाले विकल्प।
इन दोनों को मिलाने पर Diagonal Spread बनता है। यह रणनीति options grid पर एक “diagonal” स्थिति बनाती है, जहां expiration dates और strike prices दोनों अलग होते हैं।
डायगोनल स्प्रेड के प्रकार
1. Long Diagonal Spread
- लंबी expiration date का विकल्प खरीदा जाता है।
- छोटी expiration date का विकल्प बेचा जाता है।
2. Short Diagonal Spread
- छोटी expiration date का विकल्प खरीदा जाता है।
- लंबी expiration date का विकल्प बेचा जाता है।
Directional Bias के अनुसार Diagonal Spread
Bullish Long Call Diagonal Spread
- लंबी expiration पर कम strike price की कॉल खरीदी जाती है।
- छोटी expiration पर उच्च strike price की कॉल बेची जाती है।
Bearish Long Put Diagonal Spread
- लंबी expiration पर उच्च strike price का पुट खरीदा जाता है।
- छोटी expiration पर कम strike price का पुट बेचा जाता है।
Bullish या Bearish Short Diagonal Spread
- Long spreads के विपरीत, इसमें छोटी expiration खरीदी जाती है और लंबी expiration बेची जाती है।
उदाहरण Bullish Long Call Diagonal Spread
- लंबी expiration दिसंबर $20 कॉल खरीदी गई।
- छोटी expiration अप्रैल $25 कॉल बेची गई।
लाभ का परिदृश्य
यह संयोजन लाभदायक होगा यदि आधारभूत संपत्ति की कीमत बढ़ती है लेकिन छोटी expiration की strike price ($25) से कम रहती है।
डायगोनल स्प्रेड के लिए महत्वपूर्ण विचार
-
Credit vs. Debit Spread
- Short Diagonal Spread आमतौर पर क्रेडिट उत्पन्न करता है।
- Long Diagonal Spread अक्सर डेबिट ट्रेड होता है।
-
1:1 Ratio
- प्रत्येक खरीदे गए विकल्प के लिए एक विकल्प बेचा जाता है।
-
Rolling the Position
- Short leg समाप्त होने पर, एक नया short option बेचना।
-
Theta Management (Time Decay)
- Short option तेजी से समय क्षय का अनुभव करता है, जो ट्रेडर के पक्ष में काम करता है।
-
Market Conditions
- Market volatility और time decay के अनुरूप strike prices और expiration dates का चयन करें।
डायगोनल स्प्रेड के लाभ और चुनौतियाँ
लाभ
- Directional और non-directional market में उपयोगी।
- सीमित जोखिम और अनुकूलित लाभ।
- Time Decay से लाभ प्राप्त करने की क्षमता।
चुनौतियाँ
- जटिल प्रबंधन।
- Rolling की प्रक्रिया में अनुभव की आवश्यकता।
- गलत स्ट्राइक या एक्सपिरेशन के चयन से लाभ सीमित हो सकता है।