डोनाल्ड ट्रंप की BRICS को धमकी
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में BRICS देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्होंने अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस किया, तो उन्हें कड़ी आर्थिक सजा दी जाएगी। आइए जानते हैं ट्रंप के बयान, BRICS की भूमिका, और इसका भारत व भारतीय शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप का बयान और धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS देशों को चेतावनी दी
“BRICS देश अगर डॉलर से दूर जाने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें 100% tariffs का सामना करना पड़ेगा।”
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी डॉलर को इंटरनेशनल ट्रेड में बनाए रखने की उनकी कोशिश को दर्शाता है।
BRICS देशों की भूमिका
- BRICS का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, और साउथ अफ्रीका ने इस ग्रुप की शुरुआत की।
- नई सदस्यता ईरान, UAE, इजिप्ट, और इथियोपिया जैसे देश भी अब BRICS का हिस्सा हैं।
- चीन और रूस की योजना BRICS करेंसी लाने और अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस करने की संभावना पर चर्चा।
- भारत का रुख भारत ने स्पष्ट किया है कि वह डॉलर को रिप्लेस करने के पक्ष में नहीं है।
नई BRICS करेंसी पर चर्चा
- 2023 South Africa Summit नई साझा मुद्रा की व्यवहार्यता पर चर्चा हुई।
- ब्राजील के राष्ट्रपति का प्रस्ताव BRICS देशों के बीच ट्रेड में नई करेंसी का उपयोग।
- भारत का रुख भारत ने साफ कर दिया कि वह de-dollarization का समर्थन नहीं करेगा।
भारतीय शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव
1. मुद्रा अस्थिरता (Currency Volatility)
डॉलर और रुपये के बीच तनाव से फॉरेक्स मार्केट में अस्थिरता बढ़ सकती है।
2. व्यापार तनाव (Trade Tensions)
अगर अमेरिका 100% tariffs लगाता है, तो भारत के IT और फार्मा सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
3. निवेशक भावना (Investor Sentiment)
विदेशी निवेशक अनिश्चितता के कारण अपने निवेश को सीमित कर सकते हैं।
4. ग्लोबल ट्रेड डायनामिक्स
BRICS करेंसी की चर्चा से NIFTY और Sensex पर दबाव बन सकता है।
भारत की स्थिति
भारत ने BRICS के भीतर अपनी भूमिका को स्पष्ट किया है:
- US Dollar समर्थन भारत वैश्विक ट्रेड में डॉलर की अहमियत को स्वीकार करता है।
- नई BRICS करेंसी भारत फिलहाल इस विचार का समर्थन नहीं कर रहा।
- आर्थिक स्थिरता भारत अपनी पॉलिसी से स्थिरता बनाए रखना चाहता है।