जानें Double bottom पैटर्न क्या है

जानें Double bottom पैटर्न क्या है और इसे कैसे पहचानें।

Double bottom  एक बुलिश टेक्निकल पैटर्न

जानें Double bottom पैटर्न क्या है

 

Double bottom एक टेक्निकल चार्ट पैटर्न है जो बाजार में ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देता है, और इसे एक बुलिश पैटर्न माना जाता है। इस पैटर्न के बनने के बाद बाजार में तेजी आने की संभावनाएं होती हैं, और निवेशक इसमें लॉन्ग पोजीशन बनाने की कोशिश करते हैं। यह पैटर्न तब बनता है जब बाजार में गिरावट के बाद दो बार एक ही लो पर जाकर प्राइस रिवर्स हो जाता है, जिसके बाद तेजी देखने को मिलती है।

Double bottom पैटर्न क्या है?

Double bottom

Double bottom एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है। इसमें सबसे पहले प्राइस गिरकर एक लो बनाता है, उसके बाद बाजार में उछाल आता है, लेकिन फिर प्राइस दोबारा उसी लो को टेस्ट करने नीचे आता है। हालांकि, प्राइस उस लो को ब्रेक नहीं कर पाता और वापस ऊपर की ओर बढ़ने लगता है। इस प्रक्रिया में दो बार लो पर जाकर प्राइस में रिवर्सल होता है, इसलिए इसे “डबल बॉटम” कहा जाता है।

Double bottom कैसे बनता है?

जब बाजार में गिरावट होती है, तब सबसे पहले प्राइस एक लो बनाता है, जिसके बाद कुछ निवेशक शॉर्ट पोजीशन बंद कर देते हैं और प्राइस में उछाल आता है। लेकिन फिर प्राइस वापस गिरता है और उसी पहले बने लो को टेस्ट करता है। अगर प्राइस उस लो को तोड़ नहीं पाता और वहीं से रिवर्स हो जाता है, तो नए बायर्स की एंट्री होती है और प्राइस में तेजी देखने को मिलती है। इस प्रकार, डबल बॉटम पैटर्न बनता है।

Double bottom

Double bottom को कैसे पहचाने?

  1. पहला लो: जब बाजार में गिरावट के बाद प्राइस एक लो बनाता है और थोड़ा उछाल आता है।
  2. दूसरा लो: प्राइस फिर से पहले बने लो को टेस्ट करने के लिए नीचे आता है, लेकिन बाजार में मजबूती न होने के कारण वही से रिवर्स हो जाता है।
  3. नेकलाइन: यह उस हाई पॉइंट को दर्शाता है जो पहले लो के बाद आता है। यह एक महत्वपूर्ण रेसिस्टेंस लेवल होता है।
  4. कन्फर्मेशन: जब दूसरी बार लो बनाने के बाद प्राइस ऊपर की तरफ बढ़ता है और नेकलाइन को तोड़ता है, तो यह संकेत होता है कि डबल बॉटम पैटर्न कन्फर्म हो चुका है। इसके बाद तेजी की संभावना बढ़ जाती है।

Double bottom के साथ ट्रेडिंग रणनीति

  1. पहचान करें: सबसे पहले चार्ट पर डबल बॉटम पैटर्न का बनना पहचानें।
  2. कन्फर्मेशन का इंतजार करें: जब प्राइस दूसरी बार लो से रिवर्स होकर नेकलाइन को तोड़ता है, तभी ट्रेड में एंट्री लें।
  3. लॉन्ग पोजीशन बनाएं: नेकलाइन ब्रेक होने के बाद लॉन्ग पोजीशन लें।
  4. स्टॉप लॉस सेट करें: स्टॉप लॉस को दूसरे लो के पास रखें ताकि रिस्क को नियंत्रित किया जा सके।
  5. टारगेट सेट करें: 1:2 के रेशियो पर टारगेट सेट करें ताकि मुनाफा संतुलित हो सके।

फॉल्स ब्रेकआउट से बचने की रणनीति

कभी-कभी बाजार नेकलाइन को तोड़ने के बाद भी ऊपर की ओर नहीं बढ़ता और वापस नीचे आ जाता है। इसे “फॉल्स ब्रेकआउट” कहा जाता है। ऐसे समय में सतर्क रहना और मजबूत रणनीति का पालन करना आवश्यक है।
फॉल्स ब्रेकआउट से बचने के लिए आप वॉल्यूम, सपोर्ट-रेसिस्टेंस और अन्य तकनीकी संकेतकों का उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपको पोजीशन में सही समय पर एंट्री मिल सके।

निष्कर्ष

Double bottom एक विश्वसनीय बुलिश रिवर्सल पैटर्न है, जो निवेशकों को बाजार में गिरावट के बाद तेजी का संकेत देता है। इस पैटर्न को सही से पहचानने और कन्फर्मेशन मिलने पर इसमें ट्रेडिंग के अच्छे अवसर होते हैं। इसके साथ ही, फॉल्स ब्रेकआउट से बचने के लिए सतर्कता और सही तकनीकी विश्लेषण आवश्यक है।

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