डॉ. मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के महानायक
भारत के 13वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे एक महान अर्थशास्त्री और दूरदर्शी नेता के रूप में देश के इतिहास में याद किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री के रूप में योगदान (2004-2014)
सेंसेक्स में ऐतिहासिक वृद्धि
डॉ. मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के कार्यकाल में भारतीय शेयर बाजार ने असाधारण वृद्धि दर्ज की
- सेंसेक्स का स्तर
- 2004 – 4,961
- 2014 – 24,693
- ग्रोथ लगभग 400-500%।
साल-दर-साल सेंसेक्स प्रदर्शन
- 2004 +33%
- 2005 +42%
- 2006-2007 +47%
- 2009 +81% (वैश्विक आर्थिक संकट के बाद उछाल)
- 2012 +26%
- 2013 +9%
- नकारात्मक साल
- 2008 ग्लोबल स्लोडाउन के कारण गिरावट।
- 2011 सेंसेक्स में 27% की गिरावट।
ग्लोबल स्लोडाउन का प्रभाव
2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी और 2011 में बाजार गिरावट के बावजूद, उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था ने स्थिरता और विकास बनाए रखा।
डॉ. मनमोहन सिंह एक बहुआयामी व्यक्तित्व
प्रमुख उपलब्धियां
- 1980-1982 योजना आयोग के सदस्य।
- 1982-1985 भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।
- 1991-1996 पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री।
- 1991 में आर्थिक उदारीकरण की पहल की।
- 1998-2004 राज्यसभा में विपक्ष के नेता।
- 2004-2014 लगातार दो कार्यकाल में प्रधानमंत्री।
आर्थिक सुधारों का आधार
1991 में वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक उदारीकरण के रास्ते पर आगे बढ़ाया।
- विदेशी निवेश के द्वार खोले।
- निजीकरण और वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया।
- उद्यमशीलता के लिए नए अवसर सृजित किए।
डॉ. मनमोहन सिंह का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
डॉ. सिंह का कार्यकाल भारत की आर्थिक नीतियों और सुधारों के लिए मील का पत्थर था।
- 2004-2014 के बीच आर्थिक विकास की दर स्थिर रही।
- उन्होंने गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी।
निष्कर्ष
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय अर्थव्यवस्था के महानायक थे, जिन्होंने अपने सुधारवादी दृष्टिकोण और नेतृत्व से देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनका निधन भारत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
डॉ. मनमोहन सिंह, आपको देश हमेशा याद रखेगा। अलविदा!