First Water Capital के सह-संस्थापक Arun Chulani की बाजार और सेक्टर्स पर राय
Arun Chulani, First Water Capital के सह-संस्थापक, ने हाल ही में मनीकंट्रोल को दिए साक्षात्कार में भारतीय बाजार की वर्तमान स्थिति और विभिन्न सेक्टर्स के बारे में अपनी राय साझा की। उनके अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) फिलहाल ब्याज दरों में कटौती का कोई संकेत नहीं देगा, क्योंकि अर्थव्यवस्था अभी भी 7-8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में RBI से मांग में वृद्धि के लिए कोई तत्काल प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं दिखती।
रासायनिक क्षेत्र में निवेश के अवसर
Chulani ने रासायनिक क्षेत्र को लेकर First Water Capital की रणनीति पर भी चर्चा की। उनके अनुसार, यह क्षेत्र निवेश के लिए आकर्षक बना हुआ है। उन्होंने बताया कि चीन की ओर से कम मांग, उच्च इन्वेंट्री, और क्षमता विस्तार के कारण इस क्षेत्र में कुछ कंपनियां डाउनसाइकिल का सामना कर रही हैं। हालांकि, वे इस क्षेत्र में prices, margins, और demand के संकेतकों पर नज़र बनाए हुए हैं, और उम्मीद है कि रिकवरी जल्द ही शुरू हो सकती है।
Auto Sector में संभावनाएँ
जब उनसे Auto Sector की संभावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे इस सेक्टर में भरोसा रखते हैं, भले ही कुछ कंपनियों के शेयर महंगे लग सकते हैं। Chulani का मानना है कि कई लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में अभी भी मूल्य के अवसर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे over-valuation की चिंता नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें केवल कुछ चुनिंदा शेयरों की ज़रूरत होती है, जो उनके पोर्टफोलियो में alpha उत्पन्न कर सकें।
Portfolio में किन सेक्टर्स को जोड़ना चाहिए?
Chulani ने खुलासा किया कि हाल ही में उन्होंने flexible packaging में अपनी स्थिति को फिर से मजबूत किया है। उन्होंने 2022 में इस सेक्टर को heavyweight से lightweight में कम कर दिया था, लेकिन अब सही मूल्यांकन देखकर फिर से इसमें निवेश किया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वे private banks पर भी नज़र बनाए हुए हैं, जो हाल की रैली में पीछे रह गए हैं, लेकिन अब उचित मूल्यांकन और अच्छी वृद्धि दिखा रहे हैं।
FII की भारत पर सकारात्मकता और मूल्यांकन की चिंता
Chulani ने बताया कि FII (Foreign Institutional Investors) भारत की विकास कहानी पर सकारात्मक हैं, लेकिन वे बाजार के मूल्यांकन को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि 2007 के बाद से FII flows ज्यादा नहीं बढ़ा है, जबकि भारत की market capitalization अब $5.7 ट्रिलियन के करीब है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि आने वाले समय में FII भारत के लिए अलग से आवंटन करेंगे, क्योंकि भारत की जनसंख्या और आर्थिक स्थिति कई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक अनुकूल है।
आय वृद्धि की संभावनाएँ
Chulani ने कहा कि आने वाले पाँच वर्षों में 15 प्रतिशत की आय वृद्धि का अनुमान लगाना सामान्य है, लेकिन वे इसे सेक्टर-विशिष्ट दृष्टिकोण से देखना पसंद करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कई सेक्टर्स में विशिष्ट अवसर मौजूद हैं, और उनका फोकस इन्हीं अवसरों का लाभ उठाने पर है।