FPIs की बिकवाली का सिलसिला जारी

FPIs की बिकवाली का सिलसिला जारी

FPIs की बिकवाली का सिलसिला जारी

अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की बिकवाली का सिलसिला जनवरी 2025 में भी थमने का नाम नहीं ले रहा।

  • जनवरी 2025 के शुरुआती छह कारोबारी दिनों में ही FPIs ने 11,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
  • एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे मुख्य कारण कमजोर तिमाही नतीजे, आर्थिक सुस्ती की आशंका, और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता है।
  • चीन में एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों ने बाजार में डर का माहौल पैदा कर दिया है, जिससे बिकवाली का दबाव और बढ़ गया है।

FPIs की बिकवाली का सिलसिला जारी

DIIs और खुदरा निवेशकों की खरीदारी

FPIs की लगातार बिकवाली के बावजूद घरेलू निवेशकों ने बाजार में विश्वास बनाए रखा।

  • DIIs ने जनवरी के शुरुआती दिनों में 12,600 करोड़ रुपये और खुदरा निवेशकों ने 2,770 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
  • इस खरीदारी ने बाजार को पूरी तरह गिरने से बचाए रखा।

FPI की ‘Sell on Rise’ रणनीति

दिसंबर 2024 में FPIs ने अपनी रणनीति बदलते हुए सेकंडरी मार्केट से 2,590 करोड़ रुपये निकाले, जबकि प्राइमरी मार्केट में 18,000 करोड़ रुपये का निवेश किया।

  • अक्टूबर 2024 में बिकवाली अपने चरम पर थी, जब FPIs ने 1.14 लाख करोड़ रुपये के शेयर सेकंडरी मार्केट में बेचे।
  • हालांकि, दिसंबर 2024 के पहले हफ्ते में FPIs ने खरीदारी की, लेकिन इसके बाद उन्होंने फिर से भारी बिकवाली शुरू कर दी।
  • जनवरी 2025 में, बाजार में तेजी का फायदा उठाते हुए उन्होंने ‘Sell on Rise’ रणनीति अपनाई।

एक्सपर्ट्स का नजरिया

कमजोर तिमाही नतीजे और ट्रंप की नीतियों का प्रभाव

एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीय के अनुसार, FPIs का ध्यान मुख्य रूप से कंपनियों के तिमाही नतीजों और आर्थिक आंकड़ों पर है।

  • कमजोर Q3 नतीजों और बजट 2025 से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण बिकवाली का दबाव बना हुआ है।
  • अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर अस्थिरता भी निवेशकों को चिंतित कर रही है।

FPIs की बिकवाली का सिलसिला जारी

एचएमपीवी वायरस का असर

चीन में एचएमपीवी वायरस के बढ़ते मामलों ने ग्लोबल मार्केट सेंटिमेंट को कमजोर कर दिया है।

  • राजेश का कहना है कि जब तक इन मुद्दों पर स्थिति स्पष्ट नहीं होती, FPIs की बिकवाली जारी रह सकती है।

निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?

FPIs की बिकवाली से बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है, लेकिन DIIs और खुदरा निवेशकों की खरीदारी ने बाजार को स्थिर बनाए रखा है।
निवेशकों के लिए सलाह

  • शॉर्ट-टर्म में सावधानी बरतें।
  • लॉन्ग-टर्म में मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।
  • बाजार में किसी भी बड़े फैसले से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें।

निष्कर्ष

जनवरी 2025 की शुरुआत में FPIs की बिकवाली से बाजार में हलचल मची हुई है। हालांकि, DIIs और खुदरा निवेशकों की खरीदारी से बाजार को सहारा मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक आर्थिक स्थिति और नीतियों को लेकर स्पष्टता नहीं आती, FPIs की बिकवाली जारी रह सकती है।

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