FPI की वापसी विदेशी निवेशकों ने फिर जताया भरोसा
अप्रैल 2025 के तीसरे सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी वापसी दर्ज कराई है। बीते सप्ताह के दौरान उन्होंने कुल ₹8,472 करोड़ का शुद्ध निवेश किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत पर विदेशी निवेशकों का भरोसा दोबारा मजबूत हो रहा है।
शुरुआत में बिकवाली, फिर दो दिन में जबरदस्त खरीदारी
हालांकि अप्रैल की शुरुआत में FPI द्वारा बाजार से निकासी देखी गई थी। 15 अप्रैल को उन्होंने ₹2,352 करोड़ की बिक्री की। लेकिन इसके बाद दो कारोबारी दिनों—16 और 17 अप्रैल को—FPI ने ₹10,824 करोड़ की खरीदारी की, जिससे बाजार में सकारात्मकता लौटी।
बदलता माहौल Global स्थिति और घरेलू अर्थव्यवस्था का प्रभाव
विशेषज्ञ मानते हैं कि वैश्विक व्यापार मोर्चे पर कुछ राहत और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती ने निवेशकों की धारणा को सुधारा है। Morningstar Investment के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, यह सुधार दर्शाता है कि निवेशक अब जोखिम को लेकर थोड़ा सहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन आगे की स्थिरता अब भी वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी पर निर्भर करेगी।
कम कारोबारी दिनों में भी दिखा बाजार में जोश
इस सप्ताह बाजार सिर्फ तीन दिन खुला रहा—मंगलवार, बुधवार और गुरुवार। सोमवार (अंबेडकर जयंती) और शुक्रवार (गुड फ्राइडे) को बाजार बंद था। इसके बावजूद FPI की खरीदारी ने बाजार को मजबूती दी और सूचकांकों को सपोर्ट मिला।
कुल मिलाकर अप्रैल में अब भी बिकवाली हावी
हालांकि, अप्रैल महीने में अब तक FPI द्वारा कुल ₹23,103 करोड़ की बिकवाली दर्ज की गई है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक यह आंकड़ा ₹1.4 लाख करोड़ तक पहुँच चुका है, जिससे यह स्पष्ट है कि निवेश की दिशा अब भी पूरी तरह स्थिर नहीं है।
डॉलर इंडेक्स में गिरावट बना भारत का पक्ष मजबूत
Geojit Investment के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी.के. विजयकुमार के अनुसार, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और अमेरिकी बाजारों से पूंजी के बाहर जाने से FPI का रुख भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर मुड़ा है। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिरता ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है।