जनवरी में भारतीय बाजारों से FPI निकासी
Foreign Portfolio Investors (FPI) ने जनवरी 2025 के पहले तीन कारोबारी दिनों में भारतीय शेयर बाजारों से 4,285 करोड़ रुपये की निकासी की। यह आंकड़ा डिपॉजिटरी डेटा से सामने आया है।
इसके विपरीत, दिसंबर 2024 में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
FPI द्वारा की गई इस भारी बिकवाली के पीछे वैश्विक और घरेलू चुनौतियों को मुख्य कारण माना जा रहा है।
डॉलर मजबूत और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड आकर्षक
Geojit Financial Services के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार के अनुसार
“जब तक डॉलर मजबूत रहेगा और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड आकर्षक बनी रहेगी, FPI की बिकवाली जारी रह सकती है।”
- डॉलर इंडेक्स 109 के आसपास।
- 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.5% से अधिक।
डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से विदेशी निवेशक आकर्षित हो रहे हैं, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों से पूंजी बाहर जा रही है।
तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले सतर्कता
Morningstar Investment Research के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है:
“FPI निवेशकों ने कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों से पहले सतर्क रुख अपनाया है।”
इसके अलावा, अमेरिका में संभावित डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीतियों को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है।
रुपये में गिरावट और घरेलू कारण
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट भी FPI निवेशकों के लिए चिंता का विषय है।
- हाई वैल्यूएशन वाली कंपनियां भी बिकवाली के पीछे एक अहम कारण हैं।
घरेलू स्तर पर बढ़ती वैल्यूएशन और रुपये की कमजोरी के चलते निवेशकों ने सावधानी बरती है।
चीन की ओर FPI का रुख
भारतीय बाजारों से निकले FPI निवेशकों ने चीनी शेयर बाजारों का रुख किया है।
- चीन ने आर्थिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है, जो विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
- यह बदलाव चीन की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की रणनीति से प्रेरित है।
FPI के इस बदलते रुख से भारतीय बाजार में अनिश्चितता बढ़ गई है, जबकि आगामी वैश्विक कारक और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।