FPI की बिकवाली जारी
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार में लगातार जारी है। फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में 7,342 करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाले गए। इससे पहले जनवरी 2025 में 78,027 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी, जबकि दिसंबर 2024 में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
FPI की बिकवाली के मुख्य कारण
1. ग्लोबल ट्रेड टेंशन और अमेरिकी टैरिफ
- अमेरिका ने Canada, Mexico और China पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार अस्थिर हो गया है।
- इससे निवेशक उभरते बाजारों (Emerging Markets) से पैसा निकाल रहे हैं।
2. कमजोर भारतीय रुपया
- पहली बार Indian Rupee 87 प्रति डॉलर के नीचे गिर गया है।
- कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों के लिए कम रिटर्न देता है, जिससे भारतीय बाजार कम आकर्षक बन जाता है।
3. डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड का असर
- Dollar Index मजबूत हो रहा है, जिससे उभरते बाजारों में FPI की बिकवाली बढ़ गई है।
- US Bond Yields में बढ़ोतरी ने भी निवेशकों को अमेरिकी बाजारों की ओर आकर्षित किया है।
BJP की जीत और भारतीय बाजार
Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट V.K. Vijayakumar के अनुसार,
“Delhi Assembly Elections में BJP की जीत से भारतीय बाजार को short-term में समर्थन मिल सकता है।”
हालांकि, long-term में economic growth, corporate earnings, बजट घोषणाएं और RBI की नीतियां बाजार की दिशा तय करेंगी।
डेट मार्केट में निवेश जारी
हालांकि इक्विटी बाजार में बिकवाली जारी है, लेकिन FPI ने बॉन्ड मार्केट में निवेश बढ़ाया है:
- जनरल लिमिट के तहत 1,215 करोड़ रुपये का निवेश
- Voluntary Retention Route (VRR) के तहत 277 करोड़ रुपये का निवेश
FPI निवेश का ट्रेंड (पिछले तीन सालों में)
वर्ष | भारतीय शेयरों में शुद्ध निवेश (₹ करोड़) |
---|---|
2025 (अब तक) | -85,369 |
2024 | 427 |
2023 | 1.71 लाख |
2022 | -1.21 लाख |
निष्कर्ष
FPI की बिकवाली जारी है, लेकिन डॉलर इंडेक्स में नरमी, RBI की नीतियां और सरकार के आर्थिक सुधारों से बाजार में धीरे-धीरे स्थिरता आ सकती है। BJP की चुनावी जीत से short-term में बाजार को राहत मिल सकती है, लेकिन निवेशकों को लंबी अवधि की रणनीति बनाकर निवेश करना चाहिए।
क्या FPI की बिकवाली जारी रहेगी, या बाजार में सुधार आएगा? अपनी राय कमेंट में बताएं!