सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री
सरकार ने IOB, Central Bank, UCO Bank, LIC और New India Assurance जैसी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। इसके लिए विनिवेश विभाग (DIPAM) ने लीड मैनेजर, ब्रोकर्स और मर्चेंट बैंकर्स के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।
सरकार ने इस बिक्री प्रक्रिया के लिए RFP (Request for Proposal) जारी किया है और हिस्सेदारी को OFS (Offer for Sale) के जरिए बेचने की योजना बनाई गई है।
DIPAM ने जारी किया विज्ञापन
CNBC-आवाज़ के Economic Policy Editor लक्ष्मण राय के अनुसार:
- सरकार ने सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचने के लिए DIPAM के माध्यम से विज्ञापन जारी किया।
- लीड मैनेजर्स और मर्चेंट ब्रोकरों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं।
- सरकार इन विशेषज्ञों के सहयोग से समय-समय पर छोटी-छोटी हिस्सेदारी बेचेगी।
OFS (Offer for Sale) के जरिए होगी हिस्सेदारी बिक्री
- यह बिक्री स्ट्रेटेजिक सेल नहीं होगी, बल्कि OFS (Offer for Sale) के माध्यम से होगी।
- सरकार को न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियम पूरा करने के लिए यह कदम उठाना पड़ रहा है।
- पहले भी तीन साल के लिए लीड मैनेजरों और मर्चेंट ब्रोकरों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन अब उनकी मियाद पूरी हो चुकी है, इसलिए नई प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
किन सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में OFS की संभावना?
वर्तमान में 5 सरकारी बैंक ऐसे हैं जिनमें सरकार की हिस्सेदारी 75% से अधिक है, जो न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी नियम से अधिक है। ये बैंक हैं:
Indian Overseas Bank (IOB)
Central Bank of India
UCO Bank
Punjab & Sind Bank
इनके अलावा, New India Assurance और LIC के OFS की भी तैयारी हो रही है।
SEBI की डेडलाइन से पहले आएंगे OFS
- अभी यह तय नहीं है कि OFS कब आएगा, लेकिन SEBI की डेडलाइन से पहले यह प्रक्रिया पूरी होगी।
- सरकार की हिस्सेदारी बिक्री की योजना प्रारंभिक चरण में है।
- यदि बाजार की स्थिति में सुधार होता है, तो सरकार इसे जल्द लागू कर सकती है।
निष्कर्ष बाजार पर होगा बड़ा असर
सरकार के इस कदम से बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर में हलचल बढ़ सकती है। निवेशकों की नजरें IOB, UCO Bank, LIC, और अन्य सरकारी कंपनियों पर रहेंगी।