एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज आईपीओ
एचडीएफसी बैंक ने 19 अक्टूबर को घोषणा की कि वह अपनी सहायक कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचने की योजना बना रहा है। यह कंपनी के बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) का हिस्सा है। इस IPO का कुल आकार 12,500 करोड़ रुपये होगा, जिसमें 2,500 करोड़ रुपये का नया निर्गम भी शामिल है। यह कदम एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के सार्वजनिक बाजार में पदार्पण का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो चालू वित्त वर्ष के अंत तक संभावित है।
IPO संरचना और उद्देश्य
इस IPO में एचडीएफसी बैंक के शेयरों का Offer for Sale (OFS) शामिल होगा। इसका आकार और समय बाजार की स्थितियों, नियामक अनुमोदन और अन्य विचारों के आधार पर होगा। आईपीओ के बाद भी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनी बनी रहेगी। एचडीबी फाइनेंशियल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो खुदरा और वाणिज्यिक ऋण जैसे व्यक्तिगत ऋण, वाहन ऋण और संपत्ति के खिलाफ ऋण सेवाएं प्रदान करती है।
आरबीआई सूचीकरण आवश्यकताएँ
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सर्कुलर के तहत अनिवार्य है। अक्टूबर 2022 में जारी सर्कुलर के अनुसार, आरबीआई ने “अपर लेयर” की सभी NBFCs को 2025 तक सूचीबद्ध होने का निर्देश दिया था। इस निर्देश का पालन करते हुए एचडीएफसी बैंक ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को सार्वजनिक बाजार में लाने का निर्णय लिया।
एचडीबी फाइनेंशियल की तैयारी और वृद्धि
एचडीबी फाइनेंशियल ने आईपीओ के लिए तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए Jefferies, JM Financial, Morgan Stanley, और Nomura जैसे प्रमुख निवेश बैंकों को सलाहकार नियुक्त किया है। इसके अलावा, Bank of America, ICICI Securities, Axis Capital, और IIFL जैसी प्रमुख फर्में भी इस IPO की प्रक्रिया में शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह IPO 7-8 बिलियन डॉलर (लगभग 67,000 करोड़ रुपये) तक का मूल्यांकन प्राप्त कर सकता है, जो इसे हाल के समय के सबसे बड़े आईपीओ में से एक बना सकता है।
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की मजबूत वृद्धि
आईपीओ से पहले एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज ने वित्त वर्ष 2023 में मजबूत प्रदर्शन दिखाया है। कंपनी की लोन बुक 17% बढ़कर 66,000 करोड़ रुपये हो गई, जो व्यक्तिगत, वाहन और छोटे व्यवसायों के ऋण की बढ़ती मांग का परिणाम था। एचडीबी फाइनेंशियल की लिस्टिंग से एचडीएफसी बैंक को अतिरिक्त मूल्य अनलॉक होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज का यह आईपीओ न केवल कंपनी के विकास को बढ़ावा देगा बल्कि आरबीआई की अनिवार्य सूचीकरण आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा। इसके अलावा, यह आईपीओ एचडीएफसी बैंक के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय अवसर प्रदान करेगा, जिससे कंपनी की बाजार स्थिति और मजबूत हो सकेगी।