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HDFC Bank ने 60 बिलियन रुपये का हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो बेचा, जानिए इसके पीछे का कारण

HDFC Bank ने 60 बिलियन रुपये का हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो बेचा

HDFC Bank Limited ने अपने Loan-to-Deposit Ratio को बेहतर बनाने और विनियामक दबावों के बीच अपने लोन भार को कम करने के लिए 60 बिलियन रुपये ($717 million) का Housing Loan Portfolio बेचा है। सूत्रों के अनुसार, यह पोर्टफोलियो निजी सौदों के जरिए लगभग आधा दर्जन राज्य-नियंत्रित बैंकों को बेचा गया। इसके अलावा, बैंक ने 90.6 बिलियन रुपये के Car Loans का एक पूल Pass-Through Certificates (PTCs) के रूप में सुरक्षित किया था।

 

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बाजार की स्थिति और बैंक का उद्देश्य

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा दिए गए चेतावनी के बाद HDFC बैंक ने यह कदम उठाया है। RBI ने कहा था कि Deposit Growth की तुलना में Loan Growth धीमी हो रही है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में Structural Liquidity Issues उत्पन्न हो सकते हैं। HDFC बैंक अपने Loan-to-Deposit Ratio को सुधारने के लिए अपने Loan Portfolio को बेच रहा है। मार्च 2023 के अंत तक, बैंक का यह अनुपात 104% था, जो पिछले तीन वित्तीय वर्षों के 85-88% औसत से अधिक था।

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प्रमुख खरीदार और सौदों का विवरण

Car Loans द्वारा समर्थित Pass-Through Certificates (PTCs) के प्रमुख खरीदारों में ICICI Prudential AMC, Nippon Life India Asset Management Limited, SBI Funds Management Private Limited, और Kotak Mahindra Asset Management Company शामिल थे। इन Certificates की तीन किस्तों पर मासिक 8.02% से 8.20% की उपज दी गई थी। SBI Funds ने Car Loans सौदे की पुष्टि की, जबकि HDFC बैंक और अन्य खरीदारों ने इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

Liquidity Issue और आगे की योजनाएं

HDFC बैंक ने जून 2023 में भी 50 बिलियन रुपये का लोन पोर्टफोलियो बेचा था। अगस्त 2023 में, RBI ने आगाह किया था कि धीमी Deposit Growth बैंकों के लिए Liquidity Crisis पैदा कर सकती है।

September Quarter Earnings Report में उम्मीद है कि HDFC बैंक अपनी Deposit Growth को 13% वार्षिक दर पर दिखाएगा, जबकि Loan Growth केवल 8% रहने की संभावना है।

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