हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्शन
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने के बाद अधिकतर लोग यह मान लेते हैं कि सभी मेडिकल खर्च बीमा कंपनी द्वारा कवर कर लिए जाएंगे। लेकिन जब क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, तो परेशानी और तनाव बढ़ जाता है।
असल में, थोड़ी-सी सतर्कता और जागरूकता से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्शन से बचा जा सकता है। इस लेख में जानें कि किन कारणों से हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
1. पहले से मौजूद बीमारियों की जानकारी न देना
हेल्थ इंश्योरेंस में ‘Utmost Good Faith’ का सिद्धांत लागू होता है, जिसका मतलब है कि आपको अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री ईमानदारी से देनी चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को पहले से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट प्रॉब्लम जैसी बीमारी है और उसने इंश्योरेंस खरीदते समय इसकी जानकारी नहीं दी, तो बीमा कंपनी उसका क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।
कैसे बचें?
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हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री सही-सही बताएं।
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सभी मेडिकल कंडीशन्स का उल्लेख करें, चाहे वे मामूली ही क्यों न हों।
2. पॉलिसी की शर्तों को न पढ़ना
अक्सर लोग हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय उसकी शर्तों को ध्यान से नहीं पढ़ते, जिससे बाद में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
कई पॉलिसियों में कुछ बीमारियों और सर्जरी (जैसे हर्निया, मोतियाबिंद) के लिए दो से तीन साल का वेटिंग पीरियड होता है। अगर इस अवधि के दौरान क्लेम किया जाए, तो उसे अस्वीकृत किया जा सकता है।
कैसे बचें?
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पॉलिसी के सभी नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
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एजेंट या बीमा कंपनी से पॉलिसी की कवरेज और शर्तों की पूरी जानकारी लें।
3. इंश्योरेंस पॉलिसी समय पर रिन्यू न कराना
अगर किसी व्यक्ति की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स हो जाती है, तो बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।
अक्सर लोग प्रीमियम भरने की तारीख भूल जाते हैं, जिससे कवरेज समाप्त हो जाता है और क्लेम का कोई लाभ नहीं मिल पाता।
कैसे बचें?
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पॉलिसी को ऑटो-डेबिट मोड में सेट करें ताकि समय पर प्रीमियम कटता रहे।
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प्रीमियम भरने के लिए रिमाइंडर सेट करें।
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समय पर पॉलिसी का नवीनीकरण कराएं।
4. गलत या अधूरे दस्तावेज देना
अगर क्लेम के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, तो बीमा कंपनी उसे अस्वीकार कर सकती है।
कई लोग अस्पताल के बिल, मेडिकल रिपोर्ट्स और डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन को संभालकर नहीं रखते, जिससे क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
कैसे बचें?
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सभी मेडिकल दस्तावेज सुरक्षित रखें।
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अस्पताल से डिस्चार्ज समरी और बिल की कॉपी जरूर लें।
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बीमा कंपनी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज समय पर जमा करें।
5. इलाज पॉलिसी के तहत कवर न होना
हर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ बीमारियां और इलाज शामिल होते हैं, जबकि कुछ नहीं होते।
अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कॉस्मेटिक सर्जरी, डेंटल ट्रीटमेंट और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कवर नहीं किए जाते।
कैसे बचें?
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पॉलिसी की ‘Inclusions’ और ‘Exclusions’ सूची को ध्यान से पढ़ें।
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हेल्थ प्लान लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उसमें कौन-कौन सी बीमारियां और इलाज शामिल हैं।
6. कैशलेस क्लेम में प्री-अप्रूवल न लेना
अगर कोई व्यक्ति किसी प्लान्ड सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती हो रहा है और उसने बीमा कंपनी को पहले से सूचित नहीं किया, तो उसका कैशलेस क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
कैसे बचें?
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इलाज से पहले ही बीमा कंपनी को सूचित करें।
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समय पर प्री-अप्रूवल प्राप्त करें।
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने पर क्या करें?
अगर क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, तो बीमा कंपनी से लिखित में कारण मांगें।
यदि क्लेम सही है और फिर भी रिजेक्ट हो रहा है, तो इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।