Hexaware टेक्नोलॉजीज की कार्लाइल द्वारा खरीदारी: 3 बिलियन डॉलर की डील
Hexaware टेक्नोलॉजीज को नवंबर 2021 में अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म कार्लाइल ने 3 बिलियन डॉलर (लगभग 22,201 करोड़ रुपये) में अधिग्रहित किया। यह डील भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र में एक बड़ी घटना थी। हाल ही में दायर ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार, कार्लाइल को इस अधिग्रहण से अब तक 1,380 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है।
कार्लाइल का अधिग्रहण मॉडल: कर्ज और लाभांश से पैसा कमाना
प्राइवेट इक्विटी फर्में, जैसे कि कार्लाइल, कंपनियों को खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लेती हैं। Hexaware के मामले में, 2021 में 3 बिलियन डॉलर की डील के लिए कार्लाइल ने 1 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया था। इस कर्ज का भुगतान कंपनी के मुनाफे से किया जाता है, जिसमें से एक हिस्सा निवेशकों को लाभांश के रूप में दिया जाता है।
Hexaware ने 2022 में 663.7 करोड़ रुपये का लाभांश दिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना था। इसके बाद, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 530.8 करोड़ रुपये और 2024 की पहली छमाही में 258 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित किया। कुल मिलाकर, Hexaware ने 1,452.5 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित किया है, जिसमें से कार्लाइल का हिस्सा 1,380 करोड़ रुपये रहा।
Hexaware का लाभांश रिकॉर्ड: बड़े खिलाड़ियों को पछाड़ा
Hexaware ने वित्त वर्ष 2023 में 530.8 करोड़ रुपये का लाभांश दिया, जिससे यह बीएसई 100 कंपनियों में 34वें स्थान पर पहुंच गई। यह एलटीआईमाइंडट्री (592 करोड़ रुपये) के बाद दूसरे स्थान पर है और इसने विप्रो, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और गोदरेज कंज्यूमर जैसी कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया।
हालांकि, कंपनी ने DRHP में स्पष्ट किया है कि पिछले सालों में दिए गए लाभांश भविष्य में गारंटी नहीं करते। निवेशकों को भविष्य में मुनाफे के मामले में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
Hexaware का वित्तीय प्रदर्शन: लगातार ग्रोथ
Hexaware ने वित्त वर्ष 2023 में 12% की बढ़त के साथ 1,053.2 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया। इसके मुकाबले, पिछले वर्ष का मुनाफा 940.6 करोड़ रुपये था। 2024 की पहली छमाही में कंपनी ने 559.5 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जो कि कंपनी की स्थिरता और वित्तीय क्षमता को दर्शाता है।
प्रस्तावित IPO: भारत का सबसे बड़ा IT IPO
Hexaware टेक्नोलॉजीज का प्रस्तावित IPO कार्लाइल के हिस्से की 9,950 करोड़ रुपये की शेयर बिक्री पर आधारित होगा। खास बात यह है कि कंपनी इस IPO से खुद के लिए कोई पूंजी जुटाने का इरादा नहीं रखती है। DRHP में बताया गया है कि इस IPO से कंपनी का कोई नया विस्तार नहीं होगा, बल्कि यह निवेशकों को मौजूदा शेयर बेचने का अवसर प्रदान करेगा।
यह IPO भारत में किसी भी आईटी सेवा कंपनी द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है।