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Hindustan Zinc की 2.5 बिलियन $ का मेगा प्लान उत्पादन क्षमता होगी दोगुनी जानिए पूरा खबर

Hindustan Zinc Limited की 2.5 बिलियन डॉलर की विस्तार योजना: उत्पादन क्षमता होगी दोगुनी

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Hindustan Zinc Limited (HZL) ने हाल ही में अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए एक बड़े निवेश की योजना बनाई है। कंपनी के CEO, अरुण मिश्रा ने घोषणा की कि HZL इस उद्देश्य के लिए 2.5 बिलियन डॉलर (20,900 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इस विस्तार के लिए, मौजूदा खदानों में Brownfield विस्तार और एक नया Greenfield Smelter स्थापित किया जाएगा।

विस्तार योजना और उत्पादन वृद्धि

HZL की योजना के तहत, कंपनी की उत्पादन क्षमता को अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक दोगुना करने का लक्ष्य है। इस विस्तार में 0.6 मिलियन टन की क्षमता वाला नया Greenfield Smelter स्थापित किया जाएगा, जबकि बाकी की क्षमता मौजूदा Smelters के विस्तार और De-bottlenecking से आएगी। इसके लिए, HZL ने दो प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को Mine Planning और Mine Contracting के लिए अनुबंधित किया है।

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खनन और गलाने की क्षमता बढ़ाने की योजना

HZL ने खनन विस्तार के साथ-साथ जिंक गलाने की क्षमता बढ़ाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए, कंपनी ने एक अनुभवी सलाहकार की मदद ली है, जो Greenfield और Brownfield दोनों परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस पहल से HZL की उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो कंपनी को जिंक उत्पादन में एक अग्रणी खिलाड़ी बना देगी।

भारत में जिंक की मांग और भविष्य की संभावनाएँ

International Zinc Association (IZA) के अनुसार, 2030 तक भारत में जिंक की मांग तेजी से बढ़ेगी। IZA के Executive Director, एंड्रयू ग्रीन ने कहा कि भारत में जिंक की मांग अगले 10 साल में दोगुनी हो सकती है। इसका मुख्य कारण Renewable Energy, Battery Technology, Infrastructure, Steel, और Automotive क्षेत्रों में जिंक की बढ़ती जरूरतें होंगी। इन सेक्टर्स में जिंक की मांग से HZL को अपने विस्तार का पूरा फायदा मिलेगा।

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बैटरी व्यवसाय में HZL की नई शुरुआत

HZL ने अमेरिकी कंपनी Acer Technologies के साथ साझेदारी में बैटरी निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने की भी योजना बनाई है। कंपनी Zinc Battery Solutions पर विचार कर रही है, जो विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए बैटरी टेक्नोलॉजी में नई संभावनाओं को खोल सकती है।

HZL के CEO अरुण मिश्रा ने बताया कि जिंक की तुलना में Lithium की कीमत अधिक है, जबकि जिंक एक सस्ता और अधिक सुरक्षित विकल्प है। साथ ही, जिंक गर्मी से भी प्रभावित नहीं होता, जिससे यह बैटरी निर्माण में एक टिकाऊ विकल्प बन सकता है। यह कदम कंपनी के लिए एक नई दिशा में विकास के दरवाजे खोलता है, खासकर जब बैटरी प्रौद्योगिकी Clean Energy Transition में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

Clean Energy में HZL की भूमिका

इस विस्तार और बैटरी व्यवसाय में प्रवेश के साथ, HZL न केवल अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का लक्ष्य रख रही है, बल्कि वह Clean Energy Transition में भी एक प्रमुख भूमिका निभाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जिंक बैटरी सॉल्यूशंस की क्षमता और Clean Energy Solutions की बढ़ती मांग को देखते हुए, HZL का यह कदम न केवल कंपनी की ग्रोथ बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

निष्कर्ष

Hindustan Zinc Limited की 2.5 बिलियन डॉलर की विस्तार योजना न केवल इसकी उत्पादन क्षमता को दोगुना करेगी, बल्कि इसे जिंक और बैटरी निर्माण के क्षेत्रों में एक अग्रणी खिलाड़ी बना देगी। कंपनी की बैटरी टेक्नोलॉजी में नई प्रविष्टि और जिंक की बढ़ती मांग के साथ, HZL का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। यह निवेश न केवल कंपनी को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि Clean Energy Transition में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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