भारत में केंद्रीय बजट का इतिहास
केंद्रीय बजट क्या है?
केंद्रीय बजट सरकार की आय-व्यय और आर्थिक नीतियों का खाका होता है, जिसे हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है। यह देश के विकास और आर्थिक दिशा को तय करता है।
भारत का पहला बजट (1860)
भारत में पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश शासन के दौरान जेम्स विल्सन ने पेश किया था।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट (1947)
26 नवंबर 1947 को आर.के. शनमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट प्रस्तुत किया। इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया था।
बजट से जुड़े रोचक तथ्य
- सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री – मोरारजी देसाई (10 बार)
- पहली बार बजट का टीवी पर प्रसारण – 1994 (मनमोहन सिंह)
- सबसे लंबा बजट भाषण – 2020 (निर्मला सीतारमण, 2 घंटे 42 मिनट)
- ब्लैक बजट – 1973 (वाई.बी. चव्हाण, भारी घाटे के कारण)
बजट में महत्वपूर्ण बदलाव
- 2017 में बजट समय बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया।
- 2017 में रेल बजट और आम बजट का विलय किया गया।
- योजना (प्लान) और गैर-योजना (नॉन-प्लान) खर्च की श्रेणी समाप्त कर दी गई।
ऐतिहासिक बजट
- 1991 (मनमोहन सिंह) – आर्थिक सुधार, लाइसेंस राज खत्म, विदेशी निवेश को बढ़ावा।
- 2000 (यशवंत सिन्हा) – आईटी सेक्टर को प्रोत्साहन, कर सुधार।
- 2019 (निर्मला सीतारमण) – पहला पेपरलेस बजट, डिजिटल इंडिया और GST सुधार।
बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं?
- ग्रीन एनर्जी और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा।
- रोजगार और कृषि क्षेत्र के लिए नई योजनाएं।
- मध्यम वर्ग और उद्योगों को टैक्स राहत।