IKIGAI से सीखें स्मार्ट स्टॉक सिलेक्शन का तरीका
बाजार में आया नया दौर अब स्टॉक सिलेक्शन है असली कुंजी
भारतीय शेयर बाजार अब उस चरण में है जहाँ केवल इंडेक्स ट्रेंड्स पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। मिडकैप फंड मैनेजर पंकज टिबरेवाल की फर्म IKIGAI के अनुसार, अब निवेशकों को केवल आंकड़ों पर नहीं, बल्कि सोच-समझकर स्टॉक सिलेक्ट करने की जरूरत है।
इंडेक्स बनाम स्टॉक परफॉर्मेंस बढ़ती खाई
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मार्च तिमाही में Nifty 500 Index ने -6.8% का रिटर्न दिया।
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वहीं, इसमें शामिल स्टॉक्स का औसत रिटर्न -12.8% रहा।
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यानी परफॉर्मेंस में 6% से ज़्यादा का अंतर आया, जो बीते एक साल का सबसे बड़ा फासला है।
सीमित कंपनियों में सिमटी Earnings
FY25 की तीसरी तिमाही में केवल Nifty 50 की 16% कंपनियों की Profit Growth 25% से ऊपर रही, जबकि 5 साल का औसत 37% था।
IKIGAI की रिपोर्ट के अनुसार, इस तिमाही की सारी दमदार कमाई बस 3 से 5 कंपनियों से आई है।
बदल रहा है बाजार का स्ट्रक्चर
रिपोर्ट कहती है कि बाजार की वास्तविक स्थिति केवल इंडेक्स मूवमेंट से नहीं समझी जा सकती। कुछ चुनिंदा ब्लूचिप कंपनियों के शानदार प्रदर्शन से इंडेक्स ऊपर है, लेकिन व्यापक बाजार अभी भी दबाव में है।
आसान मुनाफे का दौर खत्म
कोविड के दौरान सेंट्रल बैंकों द्वारा दी गई भारी नकदी से बाजार में तेजी आई थी। लेकिन अब जब नीति सख्त हो गई है, निवेशक केवल मजबूत और क्वालिटी स्टॉक्स को तरजीह दे रहे हैं।
वैल्यूएशन में आई सच्चाई
2025 की शुरुआत में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 20–25% तक की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है।
अब निवेशक उन्हीं स्टॉक्स में पैसा लगा रहे हैं जो ठोस वैल्यूएशन और Earnings Visibility के साथ आते हैं।
सेक्टोरल बदलाव कौन से सेक्टर हैं रडार पर?
Oil & Gas, PSU Banks और Utilities जैसे सेक्टर अब इंडेक्स में ज्यादा वेटेज रखते हैं। ये सेक्टर सस्ते वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं, लेकिन ब्रॉड-बेस्ड ग्रोथ देने की क्षमता इनमें सीमित है।
Bottom-Up Investing बना नया मंत्र
IKIGAI मानता है कि अब समय है नीचे से ऊपर जाने वाली निवेश रणनीति (Bottom-up Approach) अपनाने का।
अब इंडेक्स की औसत ग्रोथ भ्रामक हो सकती है क्योंकि वह कुछ गिने-चुने स्टॉक्स पर टिकी है।
टूट रहे हैं वैल्यूएशन के भ्रम
भले ही Nifty 50 का Forward P/E Ratio 26x दिखता है, लेकिन यह PSU और Oil कंपनियों की वजह से कम नजर आता है।
वहीं Nifty Midcap 150 का P/E भी लगभग 23x है — यानी यह सोचना कि सिर्फ लार्ज कैप स्टॉक्स ही सस्ते हैं, अब सही नहीं रहा।
भविष्य की ग्रोथ कहां हैं असली मौके?
रिपोर्ट यह भी बताती है कि कई मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों की बैलेंस शीट अब पहले से कहीं मजबूत है।
कर्ज घटा है और FY24 से FY27 के बीच इन कंपनियों में अच्छी ग्रोथ की संभावना दिख रही है।
निष्कर्ष
अब समय आ गया है जब निवेशक केवल इंडेक्स देखकर फैसले न लें। असली सफलता उन्हीं को मिलेगी जो Smart Stock Selection के ज़रिये मजबूत और टिकाऊ ग्रोथ कंपनियों में निवेश करेंगे।