भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2025 और आगे का पूर्वानुमान
फाइनेंस मिनिस्ट्री के नवंबर 2024 के मंथली इकोनॉमिक रिव्यू के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2025 में 6.5% रहने का अनुमान है। ग्रामीण और शहरी मांग में तेजी, कैपिटल फॉर्मेशन में सुधार, और सरकारी खर्च की वृद्धि मुख्य कारक रहेंगे।
मांग में सुधार ग्रामीण और शहरी क्षेत्र
ग्रामीण मांग
- टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर सेल्स में अक्टूबर-नवंबर 2024 के दौरान तेज बढ़ोतरी।
- डोमेस्टिक ट्रैक्टर सेल्स के आंकड़े भी मजबूत रहे।
शहरी मांग
- पैसेंजर व्हीकल सेल्स सालाना 13.4% की वृद्धि।
- डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक लगातार जोरदार प्रदर्शन।
सितंबर 2024 तिमाही धीमी शुरुआत के बाद तेज ग्रोथ
- सितंबर 2024 तिमाही GDP ग्रोथ 5.4%।
- अक्टूबर-मार्च 2025
- दूसरी छमाही में आर्थिक प्रदर्शन तेज रहने की उम्मीद।
- फूड प्राइस में आई तेजी में कमी की संभावना।
कैपिटल एक्सपेंडिचर और इन्फ्रास्ट्रक्चर का योगदान
कैपिटल फॉर्मेशन
- FY25 की दूसरी छमाही में कैपिटल फॉर्मेशन और ग्रोथ में तेजी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर
- सीमेंट, स्टील, और इलेक्ट्रिसिटी इंडस्ट्रीज मॉनसून के बाद मांग में तेजी का लाभ उठाएंगी।
- इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल गुड्स में ऑर्डर बुक तेज गति से बढ़ रही है।
FY26 वैश्विक चुनौतियां
ग्लोबल फैक्टर्स का प्रभाव
- Global Trade Growth बढ़ती अनिश्चितता।
- शेयर बाजार उच्च स्तर पर दबाव।
- मजबूत अमेरिकी डॉलर और पॉलिसी रेट एडजस्टमेंट से इमर्जिंग मार्केट करेंसी पर असर।
फाइनेंस मिनिस्ट्री का बयान
- FY26 में भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक कारकों से नई चुनौतियां मिल सकती हैं।
निष्कर्ष
भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में मजबूती से विकास करेगी, लेकिन FY26 में ग्लोबल फैक्टर्स चुनौतियां पेश कर सकते हैं। मजबूत घरेलू मांग और कैपिटल फॉर्मेशन FY25 की ग्रोथ को सहारा देंगे।
निवेशकों और नीति-निर्माताओं को FY26 के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है।