भारत सरकार का Generative AI Model
भारत सरकार ने अपना खुद का Generative AI Model विकसित करने की घोषणा की है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह मॉडल अगले 8-10 महीनों में तैयार हो जाएगा। सरकार ने इसके लिए 10 कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है, और यह नया मॉडल DeepSeek, ChatGPT और Gemini जैसी बड़ी AI टेक्नोलॉजी को कड़ी टक्कर देगा।
Generative AI के लिए हाई-एंड GPU की व्यवस्था
सरकार ने 15,000 से अधिक हाई-एंड GPU की व्यवस्था कर ली है, जिनका उपयोग AI मॉडल के प्रशिक्षण और विकास के लिए किया जाएगा।
AI मॉडल डेवलपमेंट में सहयोग देने वाली प्रमुख कंपनियाँ:
- Jio Platforms
- Tata Communications
- Orient Tech
- Yotta Communications
AI फाउंडेशनल मॉडल के लिए आवेदन शुरू
भारत के AI मॉडल को विकसित करने के लिए फाउंडेशनल मॉडल डेवलपर्स से आवेदन मांगे गए हैं। आईटी मंत्री ने बताया कि डेवलपर्स आज से आवेदन कर सकते हैं।
सरकार DeepSeek जैसे विदेशी मॉडल्स से जुड़े सुरक्षा खतरों को लेकर सतर्क है और भारत के AI सर्वर जल्द ही देश में ही होस्ट किए जाएंगे।
India AI Compute Facility की अहम भूमिका
इस AI पहल को India AI Compute Facility आगे बढ़ाएगा। इसका उद्देश्य भारत में Large Language Model (LLM) के विकास को तेज़ करना है। इस मिशन के तहत अब तक 18,693 हाई-एंड GPU जुटाए गए हैं, जो AI मॉडल के प्रशिक्षण और विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।
AI मॉडल डेवलपमेंट की टाइमलाइन
- कम से कम 6 बड़े डेवलपर्स इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
- AI मॉडल के अगले 4 से 8 महीनों में तैयार होने की उम्मीद है।
AI इकोसिस्टम को मिलेगा बढ़ावा
आईटी मंत्री ने बताया कि AI का मजबूत इकोसिस्टम विकसित करने के लिए साझा कंप्यूटिंग फेसिलिटी आवश्यक है। सरकार उच्च स्तरीय कंप्यूटेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रही है, जिससे शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों को फायदा मिलेगा।
GPU की उपलब्धता और तैनाती
सरकार ने इस परियोजना के लिए लगभग 19,000 GPU जुटाए हैं, जो शुरुआती 10,000 GPU लक्ष्य से अधिक हैं।
GPU वितरण विवरण
- 12,896 Nvidia H100 GPU
- 1,480 Nvidia H200 GPU
10,000 GPU तत्काल उपयोग के लिए तैयार हैं, जबकि शेष GPU को चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा।
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