भारत IPO किंग बनने की राह पर
भारत ने 2024 में IPO मार्केट में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान स्थापित की है। Pantomath Group की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका और चीन जैसे विकसित बाजारों को पीछे छोड़ते हुए IPO की संख्या और धनराशि जुटाने के मामले में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
IPO मार्केट में ऐतिहासिक उपलब्धि
- IPO की संख्या
- 2024 में भारत 332 IPO लॉन्च किए गए।
- अमेरिका केवल 205 IPO।
- यूरोप भारत की तुलना में लगभग ढाई गुना कम।
- जुटाई गई धनराशि
- भारत में 76 प्रमुख IPO के माध्यम से ₹1,34,000 करोड़ जुटाए गए।
- यह प्रदर्शन स्थिर घरेलू नीतियों, मजबूत आर्थिक विकास, और निवेशक विश्वास का परिणाम है।
- चीन का प्रदर्शन
- कड़े नियमों और आर्थिक अस्थिरता के कारण चीन का IPO प्रदर्शन पिछले दशक में कमजोर रहा है।
IPO किंग इंडिया के पीछे की वजहें
- प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व
- स्टार्टअप इंडिया मूवमेंट 9 साल की यात्रा में स्टार्टअप्स और MSMEs को बाजार में आने का प्रोत्साहन मिला।
- स्थिर आर्थिक नीतियों और प्रोत्साहन योजनाओं ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया।
- वैश्विक निवेशकों का रुझान
- भारत की घरेलू विकास नीतियों ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया।
- IPO में रिकॉर्ड तोड़ सब्सक्रिप्शन ने भारत को वैश्विक निवेश हब बना दिया है।
- पारदर्शिता और डिजिटल क्रांति
- डिजिटल इंडिया और आधुनिक IPO प्रक्रिया ने आम जनता को भी बाजार में निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
- इकोनॉमिक स्टेबिलिटी
- भारत की GDP ग्रोथ, मजबूत रुपया, और आर्थिक स्थिरता ने IPO मार्केट को बढ़ावा दिया।
IPO किंग बनने के मायने
- भारतीय स्टार्टअप्स को बढ़ावा
- IPO मार्केट के जरिए नई कंपनियां आसानी से पूंजी जुटा रही हैं।
- स्टार्टअप्स के लिए यह एक वित्तीय बैकबोन के रूप में कार्य कर रहा है।
- निवेशकों का बढ़ता रुझान
- आम जनता और विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ा है।
- IPO सब्सक्रिप्शन में रिकॉर्ड वृद्धि इस बात का प्रमाण है।
- ग्लोबल इमेज में सुधार
- भारत अब केवल एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक वैश्विक वित्तीय शक्ति के रूप में उभर रहा है।
मोदी जी का सोशल मीडिया संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को ‘ऐतिहासिक पल’ करार देते हुए कहा
“भारत ने वैश्विक IPO लीडर के रूप में अपनी जगह बनाई है। यह उपलब्धि स्टार्टअप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की सोच का परिणाम है।”