भारत की रणनीति
ट्रंप का नया टैरिफ प्लान भारत पर असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अपने Reciprocal Tariff Plan के तहत भारत सहित कई देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने इसे “Liberation Day” (मुक्ति दिवस) करार दिया और दावा किया कि इस नीति से अमेरिका को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा।
वैश्विक प्रतिक्रिया कौन क्या कर रहा है?
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी पर अलग-अलग देशों ने विभिन्न प्रतिक्रियाएँ दी हैं:
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European Union, China, Japan, और South Korea ने कड़े जवाबी कदम उठाने के संकेत दिए हैं।
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भारत ने अब तक बदले की कार्रवाई करने के बजाय बातचीत के जरिए हल निकालने की रणनीति अपनाई है।
भारत पर टैरिफ का असर तुलनात्मक अध्ययन
ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित टैरिफ दरें अन्य एशियाई देशों की तुलना में भारत के लिए मध्यम स्तर पर हैं:
देश | टैरिफ दर (%) |
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थाईलैंड | 36% |
इंडोनेशिया | 32% |
वियतनाम | 46% |
चीन | 34% (+20% अतिरिक्त ड्यूटी) |
भारत | संतुलित दरें (Balanced Position) |
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा
“भारत न तो बहुत ज्यादा प्रभावित है और न ही पूरी तरह सुरक्षित। यह दर्शाता है कि हमारी वार्ताएँ सही दिशा में बढ़ रही हैं।”
भारत की रणनीति जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि वार्ता
अमेरिकी टैरिफ के ऐलान के बाद, भारत का वाणिज्य मंत्रालय लगातार बैठकों में व्यस्त है।
सरकार ने बदले में Retaliatory Tariff लगाने के बजाय डिप्लोमैटिक हल निकालने का निर्णय लिया है।
क्या होगा अगला कदम?
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भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में कटौती करने पर विचार कर रहा है।
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संभावित रूप से बादाम, बेरीज, और अन्य कृषि उत्पाद इसमें शामिल हो सकते हैं।
सेक्शन 4C भारत की संभावित वार्ता रणनीति
भारत, अमेरिका के Executive Order Section 4C के तहत टैरिफ वार्ता की योजना बना रहा है।
सेक्शन 4C क्या है?
उन देशों को टैरिफ राहत (Tariff Relief) मिल सकती है, जो अमेरिका की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों के अनुरूप व्यापारिक समायोजन करने को तैयार हैं।
सेक्शन 4B के तहत अमेरिका के टैरिफ का प्रतिकार करने पर दंड का प्रावधान है।
भारत को जल्द निर्णय लेना होगा
सूत्रों के मुताबिक, भारत को जल्द से जल्द कोई ठोस फैसला लेना होगा, क्योंकि:
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वियतनाम भी इसी सेक्शन 4C के तहत टैरिफ राहत की योजना बना रहा है।
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ट्रंप ने वियतनाम को “Transit Economy” कहा है, जिसका अर्थ है कि वह आयातित वस्तुओं को दोबारा निर्यात कर अमेरिकी बाजार में प्रवेश दिलाता है।
मोदी-ट्रंप मित्रता भारत के लिए सकारात्मक संकेत
भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मजबूत संबंध हैं।
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ट्रंप ने हाल ही में मोदी को “मित्र” (Friend) कहा था।
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भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता (Bilateral Trade Talks) पहले ही दो बार हो चुकी है।
भारत सुनिश्चित करना चाहता है कि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को प्रभावित किए बिना इस टैरिफ विवाद का हल निकाल सके।
निष्कर्ष
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ट्रंप प्रशासन ने टैरिफ पॉलिसी लागू कर दी है, लेकिन भारत उस पर सीधे प्रतिक्रिया देने के बजाय बातचीत से समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।
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भारत की रणनीति व्यापार वार्ता पर केंद्रित है, जिसमें सेक्शन 4C के तहत अमेरिका से रियायतें पाने का प्रयास होगा।
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मोदी-ट्रंप संबंधों के कारण भारत को सकारात्मक रुख रखने का फायदा मिल सकता है।
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अब देखना यह होगा कि भारत की रणनीति कितनी सफल होती है और अमेरिका इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।
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