इंडिया VIX छह महीने के उच्च स्तर पर
मुख्य बिंदु
- India VIX आज इंट्रा-डे में 17.45 पर पहुंचा, जो अगस्त 2024 के बाद का उच्चतम स्तर है।
- इस साल अब तक 20% की वृद्धि हो चुकी है।
- निफ्टी में गिरावट का दबाव और वोलैटिलिटी बढ़ने की संभावना।
क्या है इंडिया VIX और इसका महत्व?
India VIX (इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स) शेयर बाजार में अस्थिरता और निवेशकों के सेंटिमेंट को मापने वाला एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर है।
- VIX में बढ़ोतरी का मतलब
- बाजार में घबराहट और अनिश्चितता बढ़ रही है।
- निफ्टी और अन्य प्रमुख सूचकांकों में उतार-चढ़ाव बढ़ने की संभावना।
आज VIX 17.45 तक पहुंचा, जो दर्शाता है कि आने वाले दिनों में बाजार में तेज अस्थिरता देखी जा सकती है।
मार्केट एक्सपर्ट्स की राय
1. अक्षय चिंचालकर (Axis Securities)
- बियरिश सेंटिमेंट जब तक निफ्टी 23,472 के ऊपर नहीं जाता, बाजार में बिकवाली का दबाव बना रहेगा।
- गिरावट की संभावना
- निफ्टी बियरिश फ्लैग फॉर्मेशन बना रहा है, जिससे यह 22,800 तक गिर सकता है।
- अमेरिकी नीतियों का असर
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बाजार में घबराहट का बड़ा कारण बन रही है।
2. चंदन तपारिया (Motilal Oswal)
- वोलैटिलिटी बढ़ने का संकेत: VIX के बढ़ने का मतलब है कि बाजार में “Sell on Rally” की रणनीति अपनानी चाहिए।
- यदि VIX 18-21 की रेंज में जाता है, तो बाजार में और ज्यादा अस्थिरता देखने को मिल सकती है।
3. हार्दिक मतालिया (Choice Broking)
- बिकवाली का दबाव: यदि VIX 21 तक पहुंचता है, तो बाजार में भारी बिकवाली हो सकती है।
- निफ्टी 22,500–22,800 की रेंज में आ सकता है।
- प्रमुख कारक
- ट्रंप की नीतियां
- डॉलर इंडेक्स में मजबूती
- कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे
वोलैटिलिटी बढ़ने के कारण
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अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों को लेकर वैश्विक अनिश्चितता।
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डॉलर इंडेक्स में मजबूती
- भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशकों का आउटफ्लो बढ़ रहा है।
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कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे
- कई भारतीय कंपनियों ने उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजे पेश किए हैं।
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आगामी बजट को लेकर चिंता
- यूनियन बजट 2025 के कारण बाजार में अस्थिरता और नीतिगत चिंताएं बनी हुई हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
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सावधानी से ट्रेडिंग करें
- अस्थिरता के इस दौर में “Sell on Rally” की रणनीति अपनाएं।
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प्रमुख स्तरों पर नजर रखें
- निफ्टी के 23,472 के ऊपर जाने पर स्थिति में सुधार हो सकता है।
- निफ्टी में गिरावट 22,800 तक संभव है।
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शॉर्ट-टर्म निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए
- स्टॉपलॉस का उपयोग करें और बाजार में अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।